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election 2018 : पश्चिम में डॉक्टर की दावेदारी से पूर्व मंत्री की बढ़ी मुसीबत, भाजपा में घमासान, कांग्रेस में कलह की आशंका

locationजबलपुरPublished: Sep 08, 2018 10:59:14 am

Submitted by:

Lalit kostha

पश्चिम विधानसभा भाजपा में डॉक्टर की दावेदारी से पूर्व मंत्री का टकराव, कांग्रेस में जोरदार घमासान

पश्चिम विधानसभा भाजपा में डॉक्टर की दावेदारी से पूर्व मंत्री का टकराव, कांग्रेस में जोरदार घमासान

पश्चिम विधानसभा भाजपा में डॉक्टर की दावेदारी से पूर्व मंत्री का टकराव, कांग्रेस में जोरदार घमासान

ज्ञानी रजक@जबलपुर। पिछले चुनावों के ठीक पहले संघ के पदाधिकारी व जन्मजात संघी कहे जाने वाले डॉक्टर जितेन्द्र जामदार ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। जिससे ये कयास लगाए जा रहे थे कि मध्य क्षेत्र से उन्हें टिकट दिया जा सकता है। हालांकि इसके लिए वे कभी मुखर होकर सामने नहीं आए। अब पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से वे दावेदारी करते नजर आ रहे हैं। ऐसे में पूर्व विधायक व मंत्री रहे हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू की जमीन खिसकती नजर आ रही है। उनके साथ जुड़े विवादों व पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी एक वजह बन रही है। वहीं कांग्रेस में तरुण भनोत के विरोध में खुलकर तो कोई सामने नहीं आ रहा है, किंतु दावेदारों ने अपना अपना काम शुरू कर दिया है।

ऐसा है क्षेत्र
नर्मदा के दोनों तटों के किनारे होने के कारण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र की एक अलग पहचान है। ग्वारीघाट और तिलवाराघाट में मां नर्मदा के दर्शन करने वालों का तांता लगा रहता है। यह ताल-तलैया वाला क्षेत्र भी है। रानी दुर्गावती का किला होने के साथ ही यहां रानी के शासनकाल में बने सबसे ज्यादा ताल-तलैया हैं, लेकिन अधिकतर अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रहे हैं।

पश्चिम विधानसभा क्षेत्र : पहाड़ी, तालाब तो बच जाएं
पश्चिम विधानसभा में कई जगह अनियोजित विकास है। पहाड़ी अतिक्रमण से पटी है। यहां के दस से ज्यादा प्रमुख तालाब बदहाल हैं। केंद्रीय विद्यालय की क्षेत्र को सौगात मिली है, लेकिन जमीन का पता नहीं। सडक़ें व्यवस्थित नहीं हैं। क्षेत्र में स्मैक की तस्करी, सट्टेबाजी, चाकूबाजी की घटनाएं आम हो गई हैं।

2013 का चुनाव
तरुण भनोत कांग्रेस- 62668
हरेंद्रजीत सिंह बब्बू भाजपा- 61745

ये नाम हैं चर्चा में
हरेंद्रजीत सिंह बब्बू – पराजित उम्मीदवार, तीनबार विधायक रहे।
डॉ. जितेन्द्र जामदार – संघ से जुड़े समाजसेवी।
अजय विश्नोई – पूर्व मंत्री, पाटन के बाद क्षेत्र में सक्रिय।
दीपंकर बैनर्जी – संघ से जुड़े, पूर्व सांसद जयश्री बैनर्जी के पुत्र।

कांग्रेस-
तरुण भनोत – विधायक, कमलनाथ के करीबी।
केवल कृष्ण आहूजा – तीन बार से पार्षद हैं।
नरिंदर सिंह पांधे – वरिष्ठ नेता, सिख समाज में सक्रिय।
राममूर्ति मिश्रा – वरिष्ठ कांग्रेस नेता, क्षेत्र में सक्रिय।

ये भी ठोक रहे ताल
सदानंद गोडबोले – पूर्व महापौर, संघ व भाजपा संगठन में अच्छी पकड़।
करतार सिंह बाठीजा – कांग्रेस से चार साल पहले भाजपा में आए।
हेमराज अग्रवाल- नगर कांग्रेस महामंत्री, व्यापारी व समाजसेवी।

जातिगत समीकरण
सामान्य सीट है। यहां ब्राह्मण, पिछड़ा वर्ग, सिख समाज के मतदाता ज्यादा हैं। इसके अलावा मराठी समाज सहित अन्य समाज के मतदाता भी हैं।

चुनौतियां
दावेदारों की संख्या ज्यादा। चयन में संतुलन बनाना।
भाजपा- पदाधिकारियों में समन्वय बनाना चुनौती है। आंतरिक गुटबाजी भी है।
विधायक की परफॉर्मेंस
कांग्रेस- पूरे कार्यकाल में जनता से किए गए वादे 90 प्रतिशत पूरे किए, गरीबों को योजनाओं का लाभ दिलाया। अधोसंरचना विकास का दावा।

विधानसभा में अभी विकास के कार्य कम हैं। कई काम होना है। टिम्बर पार्क के स्थानांतरण की योजना अधूरी है। भीतरी इलाकों में सडक़ें बदहाल हैं। शिक्षा के क्षेत्र में ज्यादा काम नहीं हुए।
-विंकू गरहा, क्षेत्रीय निवासी

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