सरकार ने लिए बिजली एक्ट के दो लाख मामले वापस
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों ने कुल मिलाकर करीब दो लाख बिजली चोरी के मामले वापस ले लिए हैं। जिन बिजली कर्मियों ने ये प्रकरण दर्ज किए थे, उन्हें ही संबंधित के घर जाकर केस खत्म होने की जानकारी देनी पड़ रही है। मंच ने कहा कि इससे न केवल कर्मियों का मनोबल टूट रहा है, बल्कि ईमानदार उपभोक्तओं पर भी बोझ आएगा।
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों ने कुल मिलाकर करीब दो लाख बिजली चोरी के मामले वापस ले लिए हैं। जिन बिजली कर्मियों ने ये प्रकरण दर्ज किए थे, उन्हें ही संबंधित के घर जाकर केस खत्म होने की जानकारी देनी पड़ रही है। मंच ने कहा कि इससे न केवल कर्मियों का मनोबल टूट रहा है, बल्कि ईमानदार उपभोक्तओं पर भी बोझ आएगा।
जबलपुर जोन में ही साढ़े सत्रह हजार मामले– मंच के डॉ पीजी नाजपांडें ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि 11 अगस्त को इस संबंध में मंच ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखा था। उसके परिप्रेक्ष्य में मप्र ऊर्जा विभाग के अधिकारी पीके चतुर्वेदी ने उन्हें जानकारी दी है कि उक्त प्रकरण विशेष न्यायालयों की अनुमति से वापस लिए जा रहे हैं। पूर्व क्षेत्र वितरण कंपनी के तहत जबलपुर जोन में 17532, सागर जोन में 16432 व रीवा जोन में 22842 मामलों को वापस लिया गया।
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने कहा- ईमानदार उपभोक्ताओं पर पड़ेगा बोझ
तीनों कंपनियों ने कुल दो लाख मामले वापस लिए। सरकार ने इसके लिए कंपनियों को कोई रकम नहीं दी, जबकि ऊ र्जा विभाग प्रमुख सचिव के अनुसार 50-50 फीसदी रकम सरकार व बिजनली कंपनियों को वहन करनी थी। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने कहा कि इससे ईमानदार उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ेगा। मंच के रजत भार्गव, मनीष शर्मा, डॉ एमए खान व राममिलन शर्मा ने इससे बिजली के दाम बढऩे की आशंका जताई है।