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Big Breaking News जहां बैंकिंग, वहां से उधार भी मिल जाती है बिजली

यहां की जाती है बिजली की बैंकिंग

जबलपुरJul 26, 2020 / 06:25 pm

virendra rajak

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मप्र पावर मैनेजमेंट कम्पनी करती है बैंकिंग, रबी सीजन में ली जाएगी वापस

जबलपुर. बारिश शुरू होने के साथ ही मप्र पावर मैनेजमेंट कम्पनी ने देश के चार राज्यों में बिजली की बैंकिंग शुरू कर दिया है। यह बिजली रबी सीजन में वापस ली जाएगी, जिससे किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराई जा सके। जानकारी के अनुसार पावर मैनेजमेंट कम्पनी अभी 1700 से 1800 मेगावॉट बिजली की बैंकिंग कर रही है। अगस्त में बारिश बढऩे पर बैंकिंग बढ़ाई जाएगी।
जहां बैंकिंग, वहां से उधार भी मिल जाती है बिजली
बिजली की बैंङ्क्षकग रबी सीजन के लिए की जाती है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि यदि बैंकिंग की गई बिजली समाप्त हो जाए, तो सम्बंधित राज्य उधार में भी बिजली दे देता है। हालांकि यह उधार ली गई बिजली नियत समय में वापस करनी होती है, ताकि बिजली की उपलब्धता बनी रहे। जानकारी के अनुसार मप्र पावर मैनेजमेंट कम्पनी ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब और छत्तीसगढ़ से बिजली की बैकिंग का अनुबंध किया है। प्रतिदिन डेढ़ से दो हजार मेगावॉट की बैंकिंग यहां होती है। कई बार ऐसी परिस्थितियां आती हैं, जब बैंकिंग की गई बिजली समाप्त हो जाती है। तब वहां से उधार में बिजली ले ली जाती है।
ये है स्थिति
– उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब और छत्तीसगढ़ में होती है बैंकिंग
– 1700-1800 मेगावॉट बिजली की हो रही बैंकिंग वर्तमान में
– 400 करोड़ रुपए सालाना होते हैं खर्च
– 1.25 रुपए प्रति यूनिट खर्च होते हैं वापस लेने पर
– 04-06 रुपए प्रति यूनिट है बिजली खरीदी की दर
दो हजार मेगावॉट तक मिली
जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में रबी सीजन के दौरान प्रदेश में बिजली की मांग ने रिकॉर्ड तोड़ दिया था। इस दौरान प्रतिदिन दो हजार मेगावॉट बिजली वापस ली गई।
ये है फायदा
– सरप्लस या अतिरिक्त बिजली अन्य प्रदेशों को दी जाती है, जरूरत पडऩे पर वापस ली जाती है।
– उत्पादन अधिक होने पर आर्थिक क्षति नहीं होती।
– जरूरत पडऩे पर तय शेड्यूल से पहले भी वापस ले सकते हैं बिजली
डिमांड कम, उत्पादन अधिक
प्रदेश में मार्च के बाद से अक्टूबर तक बिजली की मांग कम रहती है। इस दौरान जल विद्युतगृह शुरू हो जाने से बिजली का उत्पादन अधिक होता है। जबकि इसी सीजन में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब और छत्तीसगढ़ में बिजली की मांग अधिक होती है। उत्पादन बढऩे पर मप्र पावर मैनेजमेंट कम्पनी बिजली की बैंकिंग करती है और प्रदेश में उपलब्ध अतिरिक्त बिजली इन राज्यों को दी जाती है।

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