जबलपुरPublished: Dec 01, 2017 01:05:12 pm
deepankar roy
सरकार की कवायद के बावजूद आय-व्यय में डेढ़ हजार करोड़ का आया अंतर
Electricity prices rise in Madhya Pradesh may shock in new year 2018
जबलपुर। प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को नए साल महंगी बिजली का झटका लग सकता है। राज्य सरकार की तमाम कवायद के बावजूद बिजली कंपनियों के आय-व्यय में करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपए का अंतर आया है। इसके बाद बिजली कंपनियेां ने घाटे की भरपायी के लिए आम उपभोक्ताओं पर भार बढ़ाने की गुपचुप कवायद शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक इस बार नियामक आयोग के समक्ष प्रस्तुत की जाने वाली टैरिफ याचिका में 35500 करोड़ खर्च होने और इसकी तुलना में ३२ हजार करोड़ रुपए आय का अनुमान पेश करने की तैयारी है। इससे बिजली जल्द ही महंगी होने के आसार है।
चुनावी साल से पहले झटका
प्रदेश में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में राज्य सरकार चुनावी वर्ष में बिजली की कीमतों को काबू में रखने के प्रयास कर रही है। वितरण कंपनियों पर पहले ही दर न बढ़ाने का दबाव है। इसके चलते बाद में प्रस्तावित टैरिफ याचिका में खर्चों में कटौती की गई और अंतर को 1300 करोड़ कम किया गया।
केसरी की समीक्षा के बाद फैसला
बिजली कंपनी सूत्रों के मुताबिक पहले टैरिफ याचिका ३० नवम्बर तक पेश करने की तैयारी थी, लेकिन इसी अंतर को कम करने की कवायद के लिए सप्ताह भर की और देरी की जा रही है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे और अपर मुख्य सचिव ऊर्जा विभाग बने आईसीपी केसरी प्रस्तावित टैरिफ याचिका की भोपाल में समीक्षा करेंगे।
अब 8 दिसंबर को होगा पेश
नवनियुक्त मुख्य सचिव आईसीपी केसरी के भोपाल में प्रस्तावित टैरिफ याचिका पर समीक्षा करने के बाद इस मामले में अंतिम निर्णय होगा। सूत्रों के अनुसार अब टैरिफ याचिका 8 दिसम्बर तक पेश करने की तैयारी। पहले अनुमानित व्यय 34 हजार 800 करोड़ रुपए के लगभग पेश करने की थी।
पिछली बार इस तरह बढ़ी थी दर
वर्ष 2017-18 की प्रस्तावित टैरिफ याचिका में वितरण कम्पनियों ने तीन हजार करोड़ की भरपाई के लिए ११.५० प्रतिशत दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। नियामक आयोग से इसकी तुलना में 9.48 प्रतिशत की मंजूरी मिली थी।
कंपनियों के खर्चों में कटौती
चुनावी साल में बिजली की दरें कम रखने की कवायदों के बावजूद डेढ़ हजार करोड़ के अंतर की भरपायी के लिए बिजली को महंगी कंपनियों की तकरीबन मजबूरी बन गई है। इसके लिए तीनों वितरण कम्पनियों के कार्यालयीन खर्चों में कटौती भी की गई।
ये होते हैं केप्टिव व
ओपन एक्सेस उपभोक्ता
केप्टिव उपभोक्ता- एेसे उपभोक्ता जो वितरण कम्पनी से बिजली खरीदने के साथ उपयोग होने वाली बिजली का कुछ हिस्सा खुद बनाते हैं। ओपन एक्सेस उपभोक्ता-एेसे उपभोक्ता जो दूसरे प्रदेश से बिजली खरीदते हैं। इन उपभोक्ताओं से ट्रांसमिशन कम्पनी लाइन का उपयोग करने के एवज में शुल्क लेती है।
नए टैरिफ में ये होगा खास
केप्टिव उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट दो रुपए मिलेगी छूट
ओपन एक्सेस से बिजली लेने वाले उपभोक्ताओं को लुभाने एक रुपए प्रति यूनिट की मिलेगी छूट
25 एचपी तक का कनेक्शन लेने वाले छोटे उद्योग-धंधे करने वाले उपभोक्ताओं को मिलेगी 30 प्रतिशत फिक्स चार्ज में छूट
व्यवसायिक उपभोक्ताओं को भार से अधिक बिजली उपयोग पर प्रति अतिरिक्त यूनिट पर 10 पैसे की और छूट मिलेगी