scriptelectricity-यहां दिवाली पर ज्यादा बिजली जलाना पड़ा महंगा, आम लोगों को लगेगा दोहरा झटका, जानिए पूरा मामला | Electricity rate will increase in MP next year | Patrika News

electricity-यहां दिवाली पर ज्यादा बिजली जलाना पड़ा महंगा, आम लोगों को लगेगा दोहरा झटका, जानिए पूरा मामला

locationजबलपुरPublished: Oct 23, 2017 12:55:53 pm

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deepankar roy

दीपावली पर खरीदी गई महंगी बिजली से हुए घाटे की भरपाई के लिए कंपनी बढ़ा सकती है दर

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जबलपुर। दीपावली पर प्रदेश का कोना-कोना रोशन करने के लिए खरीदी गई महंगी बिजली का करंट उपभोक्ताओं को नए साल में लगेगा। त्योहार पर खरीदी गई महंगी बिजली से हुए घाटे की भरपाई कंपनियां अगले वित्तीय वर्ष में करेगी। इसके लिए बिजली की दर बढ़ाएं जाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। त्योहार के दौरान हुए घाटे की पूर्ति की आड़ में कंपनियां बिजली की कीमत में अपेक्षाकृत अधिक वृद्धि कर सकती है। वहीं, बिजली की दर बढ़ाने के साथ ही कंपनियों के टू-अप याचिका प्रस्तुत करने की तैयारी के चलते उपभोक्ताओं को बिजली का दोहरा झटका लग सकता है।
9 हजार मेगावाट से अधिक मांग
प्रदेश में ८ अक्टूबर से डिमांड औसतन नौ हजार के ऊपर है। बिजली की मांग पूरी करने के लिए पावर मैनेजमेंट कंपनी को निजी कंपनियों की महंगी बिजली की खरीदी करनी पड़ रही है। इस दौरान 6.50 रुपए प्रति यूनिट की अधिकतम दर तक निजी कंपनियों को बिजली खरीदनी पड़ रही है। इसका झटका आम उपभोक्ताओं को अगले वित्तीय वर्ष में पड़ेगा। जब वितरण कम्पनियां नुकसान की भरपाई के लिए नियामक आयोग से बिजली के रेट बढ़ाने के साथ ट्र-अप याचिका पेश करेंगी।
नदियों में पानी नहीं, प्लांट में कोयले का संकट
पावर जनरेशन वाली विद्युत उत्पादन गृहों से क्षमता की तुलना में महज एक तिहाई उत्पादन हो पा रहा है। प्रदेश में ताप विद्युत उत्पादन क्षमता चार हजार मेगावाट के लगभग है। वहीं जल विद्युत उत्पादन गृहों की क्षमता 997.5 मेगावाट के लगभग है। कम बारिश की वजह से जल विद्युत गृहों से उत्पादन नाममात्र का हो रहा है। कोयले के संकट की वजह से ताप विद्युत गृहों से भी औसतन 16 से 17 सौ मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है।
इस तरह लगेगी चपत
पावर मैनेजमेंट केंद्रीय सेक्टर सहित निजी उत्पादन गृहों से बिजली खरीद रही है। इसमें कई कंपनियों की बिजली महंगी है। जिसकी भरपाई कंपनियां बाद में नियामक आयोग में ट्र-अप याचिका लगा कर करती है।
यह है स्थिति
प्रदेश में अभी औसतन 9200 मेगावाट पहुंच रही डिमांड
रोजना औसतन 19 लाख यूनिट से अधिक हो रही खपत
औसतन 12-13 लाख यूनिट बिजली केंद्रीय व निजी कंपनियों से खरीदी
जनरेशन कंपनी क्षमता- 5000 मेगावाट
उत्पादन हो पा रहा-1700 मेगावाट
निजी कंपनियों और ग्रिड से खरीद रहे-5200 मेगावाट
अधिकतम दर-6.50 रुपए प्रति यूनिट
रोजाना 200 मेगावाट बिजली अधिकतम दर पर हो रही खरीदी
न्यूनतम दर-2.54 रुपए प्रति यूनिट
औसत खरीदी-3.77 रुपए प्रति यूनिट
इस तरह पूरी की जा रही मांग
जेनको के ताप विद्युत गृहों से 1700 मेगावाट 2.93 रुपए औसत प्रति यूनिट

जल विद्युत गृहों से 500 मेगावाट 1.80 रुपए औसत प्रति यूनिट

सेंट्रल सेक्टर से 3200 मेगावाट 2.10 रुपए औसत प्रति यूनिट
सासन से 1300 मेगावाट 1.89 रुपए औसत प्रति यूनिट

जेपी निगरी, लेंको व अन्य से 1600 मेगावाट 3.06 रुपए औसत प्रति यूनिट

पवन व सोलर से 700 मेगावाट 5.97 रुपए औसत प्रति यूनिट
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