तीन में से दो कंपनियों की स्थिति चिंताजनक
एक तरफ राज्य सरकार दावा करती है कि, उसने प्रदेश को अंधरे से निकालकर उजाला दिया, हर घर में रोशनी पहुंचाई। लेकिन केंद्रीय ऊर्जा विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के बाद प्रदेश सरकार के दावों की पोल खुलती नज़र आ रही है। देश की 41 बिजली वितरण कंपिनयों की जारी रेटिंग में प्रदेश की 3 वितरण कंपनियों में से 2 की स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक है। रेटिंग में पूर्व क्षेत्र कंपनी 32वें और मध्य क्षेत्र वितरण कंपनी 36वें स्थान पर आ गई है। रिपोर्ट में बताया गया कि कंपनियों का काम सुधरने के बजाए पहले से और भी बिगड़ गया है।
ऊर्जा विभाग की रिपोर्ट की खास बात
केन्द्रीय ऊर्जा विभाग की ओर से जारी छठवीं रेटिंग में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी और मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को सी डबल प्लस ग्रेड मिला। वहीं, प्रदेश के मालवा क्षेत्र में बिजली सप्लाई करने वाली पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को बी डबल प्लस रेटिंग मिली। उसका स्थान 12वां है जो कि संतोषजनक कहा जा सकता है। जानकारों के मुताबिक खराब ग्रेडिंग की अहम वजह भारी भरकम लाइनलास और राजस्व वसूली नहीं कर पाना है।
उपयोगिता में ये ग्रेड
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी देश व्यापी रिपोर्ट में प्रदेश की जिन तीन विधुत कंपनियों को स्थान मिला है उनमें, 12वां नंबर पर पश्चिम क्षेत्र है, जिसे बी प्लस रेटिंग दी गई, जिसका मतलब यह है कि, इस कंपनी कामकाज और वित्तीय स्थिति औसत है। इसके अलावा पूर्व छेत्र की कंपनी को देशभर में 32वां स्थान दिया गया है। इसके अलावा देश में 33वां स्थान मिला है मध्य क्षेत्र कंपनी को। उसे सूचि में सी प्लस रेटिंग दी गई है। इसे यह रेटिंग कमजोर कामकाज और खराब वित्तीय स्थिति के आधार पर दी गई है।