जबलपुर। एक तिहाई अबादी को बिजली की दोहरी आपूर्ति का लाभ मिलेगा। इससे जबलपुर के उपभोक्ताओं को बिजली गुल होने जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। बिजली गुल होने पर कुछ ही समय में दूसरी वैकल्पिक लाइन से सप्लाई शुरू हो जाएगी। इसका लाभ सुरक्षा संस्थानों के साथ ही वीआइपी क्षेत्रों को भी मिलेगा। ट्रांसमिशन कम्पनी इसकी शुरुआत विनोबा भावे फीडर से कर रही है। इसके तहत अलग से एक लाइन बिछाई जा रही है। एक साल के अंदर डबल सप्लाई चालू करने का लक्ष्य रखा गया है। ट्रांसमिशन कम्पनी के एमडी सुनील तिवारी की मौजूदगी में 132 केवी सब स्टेशन विनोबा भावे से काम की शुरुआत हुई। इस दौरान मुख्य अभिंयता टेस्टिंग एंड कम्युनिकेशन राजेश श्रीवास्तव, मुख्य अभियंता अति उच्च दाब निर्माण आरके खंडेलवाल, मुख्य अभियंता मेंटेनेंस एंड इंस्पेक्शन वीके राय, मुख्य अभियंता आरके स्थापक, अधीक्षण अभियंता सिटी सर्किल एसके त्रिवेदी सहित दोनों कम्पनियों के अधिकारी मौजूद थे।
वीएफजे के लिए तैयार हो रहा टावर
दोहरी सप्लाई व्यवस्था का लाभ वीकल फैक्ट्री जबलपुर, जीसीएफ सहित सुरक्षा संस्थानों को होगा। इसके लिए वीएफजे में टावर लगाया जा रहा है। टॉवर लगे ही सुरक्षा संस्थानों को भी निर्बाध बिजली मिल सकेगी। वीएफजे में 132 केवी के चार फीडर बनने से अति संवेदनशील सुरक्षा संस्थानों को दो से अधिक 132 केवी की सप्लाई उपलब्ध रहेगी। प्रबंध संचालक सुनील तिवारी ने बताया कि 132 केवी सब स्टेशन विनोबा भावे सघन आबादी वाले इलाके में स्थापित है। इसके विस्तार और डबल सर्किट करने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए पहली बार नैरो बेस टावर का उपयोग किया जा रहा है। इसमें कम जगह पर टावर लगाकर पारेषण लाइन स्थापित की जाएगी। इसके लिए वीएफजे से विनोबा भावे फीडर तक पांच किमी लाइन का निर्माण किया जाएगा।