मई २०१८ में नया टैरिफ बिल लागू हुआ था। नियमानुसार वित्तीय वर्ष २०१९ के लिए नया टैरिफ दिसंबर में तैयार कर पेश कर दिया जाना चाहिए था। चुनाव के चलते बिजली कम्पनियों ने इसे टाला और फिर आचार संहिता लग गई। यही कारण था कि इसे पेश नहीं किया जा सका। हालांकि इसके नए स्वरूप को तैयार कर लिया गया है। एेसा माना जा रहा है कि नए टैरिफ में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए जहां दो से पांच प्रतिशत वहीं बिजली का कमर्शिलय उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं पर पांच से आठ प्रतिशत तक का बोझ बढ़ सकता है।
वर्तमान में यूनिट के आधार पर स्लैब और चार्ज
यूनिट – राशि प्रति यूनिट रुपए – फिक्स चार्ज
00 से 30 – 3.10 -00
00 से 50 – 3.85 – 50 रुपए शहर, 35 रुपए ग्रामीण प्रति कनेक्शन
51 से 100 – 4.70 – 90 रुपए शहर, 65 रुपए ग्रामीण प्रति कनेक्शन
101 से 300 – 6.00 – 20 रुपए शहर, 17 रुपए ग्रामीण प्रति 100 वॉट
(पहले फिक्स चार्ज आधा किलोवाट पर 100 रुपए शहरी और 85 रुपए ग्रामीण था)
300 यूनिट से अधिक – 6.30-22 रुपए शहर, 21 रुपए ग्रामीण प्रति 100 वॉट
(पहले फिक्स चार्ज आधा किलोवाट पर 110 रुपए शहरी और 105 रुपए ग्रामीण में था)
तो प्रीपेड मीटर कम करेगा बिजली बिल
यूनिट – राशि प्रति यूनिट रुपए – फिक्स चार्ज
00 से 30 – 3.10 -00
00 से 50 – 3.85 – 50 रुपए शहर, 35 रुपए ग्रामीण प्रति कनेक्शन
51 से 100 – 4.70 – 90 रुपए शहर, 65 रुपए ग्रामीण प्रति कनेक्शन
101 से 300 – 6.00 – 20 रुपए शहर, 17 रुपए ग्रामीण प्रति 100 वॉट
(पहले फिक्स चार्ज आधा किलोवाट पर 100 रुपए शहरी और 85 रुपए ग्रामीण था)
300 यूनिट से अधिक – 6.30-22 रुपए शहर, 21 रुपए ग्रामीण प्रति 100 वॉट
(पहले फिक्स चार्ज आधा किलोवाट पर 110 रुपए शहरी और 105 रुपए ग्रामीण में था)
तो प्रीपेड मीटर कम करेगा बिजली बिल
प्री-पेड मीटर लगवाने वाले उपभोक्ताओं को पहले पांच पैसे प्रति यूनिट प्रोत्साहन छूट दी जाएगी। वहीं २५ पैसे प्रति यूनिट सब्सिडी भी दी जाएगी। याने उपभोक्ता को प्रतियूनिट ३० पैसे का फायदा होगा। प्री-पेड विद्युत मीटर प्री-पेड मोबाइल की तरह काम करेगा। अकाउंट में जितने रुपए होंगे, उस टैरिफ प्लान के तहत उतनी बिजली उपभोक्ता उपयोग कर सकेगा। आवश्यकता नहीं होने पर इसे बंद भी किया सकता है और दोबारा शुरू करने की भी सुविधा प्रीपेड मीटर में होगी। प्री पेड मीटर की कीमत आठ से नौ हजार रुपए के बीच है, एेसे में उपभोक्ताओं को प्रीपेड मीटर लगवाने के लिए थोड़ा ज्यादा रुपया खर्च करना पड़ सकता है।