जबलपुर

Electricity चार माह में वापस हो जाएगी बैंकिंग की गई बिजली

चार प्रदेशों में बैंकिंग, अक्टूबर के तीसरे सप्ताह से शुरू होगा रबी सीजन

जबलपुरSep 01, 2019 / 08:35 pm

virendra rajak

Elactricity bill scam

जबलपुर. अक्टूबर के अंत के साथ ही प्रदेश में विद्युत की मांग में एकाएक उछाल आएगा। इसका कारण रबी सीजन का शुरू होना है। रबी सीजन में किसानों को पर्याप्त विद्युत मिल पाए, इसलिए मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कम्पनी बैकिंग की जा रही बिजली अक्टूबर से वापस लेना शुरू कर देगी। ग्रिड के जरिए यह बिजली पहले प्रदेश में और फिर किसानों तक पहुंचेगी।
बैकिंग की जाती है- मार्च से अक्टूबर तक
वापस की जाएगी- 15 अक्टूबर से फरवरी अंत तक
यहां की जा रही हैं बैंकिंग- उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब और छत्तीसगढ़
पिछले वित्तीय वर्ष में बैंकिंग- 417.6 करोड़ यूनिट
इस वर्ष बैंकिंग- 200 करोड़ यूनिट लगभग
कम डिमांड, अधिक बिजली
प्रदेश में वर्तमान में बिजली की मांग जनवरी के मुकाबले आधी है। यह मांग अक्टूबर तक ऐसे ही बरकरार रहेगी। वर्तमान में जल विद्युत गृह शुरू हो जाने से बिजली अधिक पैदा हो रही है। जबकि, इसी सीजन में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग अधिक होती है। ऐसे में मप्र पावर मैनेजमेंट कम्पनी बिजली की बैंकिंग करता है और प्रदेश में उपलब्ध अधिक बिजली इन राज्यों को दी जाती है।
दिसम्बर 2018 में इतनी मांग
तारीख-मांग
02 – 13021 मेगावॉट
03 – 13209 मेगावॉट
04 – 13430 मेगावॉट
08 -13474 मेगावॉट
24 -13640 मेगावॉट
25 -13642 मेगावॉट
26 -13740 मगावॉट
27 -13778 मेगावॉट
जनवरी 2019 में इतनी मांग
तारीख – मांग
01 -13848 मेगावॉट
02 -13864 मेगावॉट
04 -13978 मेगावॉट
05 -14000 मेगावाट
कम्पनी में कहां कितनी मांग
पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी (इंदौर व उज्जैन)- 5454 मेगावॉट
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी (भोपाल व ग्वालियर)-4736 मेगावॉट
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी (जबलपुर, सागर व रीवा)- 3797 मेगावॉट
की जाती है 10 घंटे सप्लाई
रबी सीजन में किसानों को प्रतिदिन दस घंटे बिजली सप्लाई की जाती है। यह बिजली सिंचाई के लिए दी जाती है। इस दौरान मोटर और बड़े हार्स पावर की मशीनों से सिंचाई की जाती है।
यह खास
-अक्टूबर, नवम्बर और दिसम्बर 2018 में 281.26 करोड़ यूनिट बिजली की सप्लाई हुई
-रबी सीजन में 41 दिन बिजली की मांग रही 13 हजार मेगावाट से अधिक
-दिसम्बर 2018 में 31 दिन मांग रही 12 हजार मेगावाट से अधिक
-25 दिन अधिकतम मांग 13 हजार मेगावाट से ऊपर रही
यह है फायदा
-सरप्लस या अतिरिक्त बिजली अन्य प्रदेशों को दी जाती है। जरूरत पडऩे पर उनसे बिजली वापस ली जाती है।
-बिजली अधिक होने पर आर्थिक क्षति नहीं होती।
-आवश्यकता पडऩे पर तय शेड्यूल के पहले भी ली जा सकती है बिजली।
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