Railways सैकड़ो किमी लाइन का इलेक्ट्रीफिकेशन अधूरा, टे्रनों की रफ्तार धीमी
-यात्रियों को झेलनी पड़ती है परेशानी, पमरे में 19 प्रतिशत काम अब भी अधूरा

पश्चिम मध्य रेलवे का कार्यक्षेत्र
मध्यप्रदेश में- 72.8 प्रतिशत
राजस्थान- 25.39 प्रतिशत
उत्तरप्रदेश- 1.79 प्रतिशत
जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे के 564 किमी ट्रैक में अब भी इलेक्ट्रीफिकेशन काम का अधूरा है। इस कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कभी इलेक्ट्रिक इंजन हटाकर डीजल इंजन लगाने में होने वाली देरी के चलते टे्रन लेट होती है, तो कभी डीजल इंजन के कारण रफ्तार धीमी हो जाती है। इसके अलावा रेलवे को रोजाना लाखों रुपए की अतिरिक्त चपत डीजल खरीदी में लग रही है। हालांकि, दावा किया जा रहा है कि जून तक पमरे का इलेक्ट्रीफिकेशन कर दिया जाएगा।
रेलखंड-ट्रैक कुल किमी-मियाद
कटनी सतना-265-मार्च
चंदेरिया-कोटा-153-जून
कटनी सिंगरौली-300-मार्च
गुना-ग्वालियर-227-मार्च
विजयपुर-मक्सी-188-फरवरी
जानकारी के अनुसार अब तक केवल 81 प्रतिशत काम ही पूरे जोन में पूरा हुआ। इसमें जबलपुर रेल मंडल में 1085 किमी के ट्रैक में 193 किमी का ट्रैक अभी बाकी है। कोटा के 902 किमी के ट्रैक में 164 किमी का ट्रैक ऐसा है, जिसमें इलेक्ट्रीफिकेशन नहीं किया गया। ऐसा ही हाल भोपाल रेल मंडल का है। वहां कुल ट्रैक 1022 किमी का है। यहां भी 171 किमी के ट्रैक में इलेक्ट्रिक लाइन डालने का काम किया जा रहा है। इस लिहाज से जबलपुर मंडल में अब तक 18, भोपाल मंडल में 20 और कोटा मंडल में 19 प्रतिशत काम अधूरा है।
मंडलवार रूट और इलेक्ट्रीफिकेशन
मंडल-रूट-इलेक्ट्रीफिकेशन
जबलपुर-82
भोपाल-80
कोटा-81
कुल-81
(सभी प्रतिशत में)
राज्यवार रूट और इलेक्ट्रीफिकेशन का काम
राज्य-रूट-इलेक्ट्रीफिकेशन
मध्यप्रदेश-2191-1794
राजस्थान-764-600
उत्तरप्रदेश-54-51
कुल-3009-2445
(सभी किलोमीटर में)
रोजाना लाखों का डीजल
इलेक्ट्रीफिकेशन पूरा न हो पाने के कारण कटनी से सतना के बीच डीजल इंजन दौड़ाया जा रहा है। रोजाना दर्जनों ट्रेनों को कटनी से डीजल इंजन सतना तक छोड़ता है, इसमें दो डीजल इंजन लगते हैं। ऐसे में रेलवे को प्रतिदिन लाखों रुपए के डीजल की चपत लगती है।
मंडलवार रूट और इलेक्ट्रीफिकेशन
मंडल-रूट-इलेक्ट्रीफिकेशन
कोटा-902-738
जबलपुर-1085-892
भोपाल-1022-851
कुल-3009-2445
(सभी किमी में)
तो यह होगा फायदा
इलेक्ट्रीफिकेशन पूरा हो जाने के बाद ट्रेनों की रफ्तार में बढ़ोत्तरी होगी। डीजल इंजन हटाने और उसे लगाने में लगने वाला समय बचेगा। ट्रेनें लेट होने से बचेंगी।
अब पाइए अपने शहर ( Jabalpur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज