जिला उद्योग केंद्र को पूर्व में राजस्व विभाग से करीब 27 एकड़ जमीन आवंटित हुई थी। इसमें पूर्व में जबलपुर-सिंगरौली इंडस्ट्रीयल कॉरीडोर के तहत सीबीडी का निर्माण होना था। इसमें कॉरीडोर से जुडे़ तमाम प्रकार के कार्यालय और होटल्स तक का प्रस्ताव था। हालांकि अब यह योजना कागजाें में गुम हो चुकी है। ऐसे में जो जमीन मिली थी, वह खाली पड़ी रही। धीरे- धीरे इस पर कब्जा भी होने लगा था। बताया जाता है कि विभाग को जब भूमि आवंटित की गई थी तब भी उसमें कब्जे थे।
सीमांकन बनाकर बनेगी हद
इस बेशकीमती जमीन पर हमेशा कब्जाधारियों की नजर रहती है। पूर्व में ढलगर मोहल्ला मिलौनीगंज निवासी मोहम्मद आसिफ ने तीसरी बार इस जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण किया था। इसी प्रकार राजेश खटीक भूमि पर अतिक्रमण कर गौशाला का निर्माण कर लिया गया था। वहीं पचौरी पेट्रोल पंप के संचालक जीतेन्द्र पचौरी के कब्जे से भी जमीन को मुक्त कराया गया था। पूर्व में यहां पर झुग्गी झोपडि़यों की संख्या भी बढ़ गई थी। बाद में उद्योग विभाग ने उन्हें हटवाया था। लेकिन अभी भी कब्जा कम नही हैं। इसलिए अब उद्योग विभाग अपनी भूमि का सीमांकन करवाकर उसकी हद बनवाएगा।
माढ़ोताल मनमोहन नगर में विभाग की जमीन का सीमांकन कराया जाएगा। इस संबंध में जिला प्रशासन कोपत्र लिखा जा रहा है। सीमांकन के बाद इस जमीन के उपयोग की योजना तैयार की जाएगी।
विनीत रजक, महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र
कब्जेधारियों पर दर्ज होगा मामला
इधर माढ़ोताल तालाब की जमीन पर बढ़ रहे कब्जे को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन भी कब्जेधारियों के खिलाफ थाने में एफआइआर दर्ज करवान की तैयारी कर रहा है। यह निजी मद का तालाब है लेकिन नियम के अनुसार उस जमीन का विक्रय एवं उस पर निर्माण नहीं किया जा सकता है। दो दिनों पहले एसडीएम अधारताल नम: शिवाय अरजरिया ने मौका स्थल का निरीक्षण किया था। उन्होंने पाया था कि जमीन पर सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इसी प्रकार प्लॉटिंग के लिए चूने की लाइन भी मिली थी। उन्होंने बताया कि इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है। अवैध कब्जेधारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।