ये है सीन-
फु टपाथ में ८-९ इंच की कांक्रीट परत-विजय नगर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत बनाए जा रहे फु टपाथ आठ से नौ फीट की कांक्रीट परत बिछाई जा रही है। तकनीकी जानकार देखकर हैरान हैं की इतनी मोटी कांक्रीटेड परत बिछाने की आवश्यकता है।
साढ़े तीन फीट ऊं चा डिवाइडर-
दीनदयाल चौक-स्टेट बैंक चौराहा सडक़ में लगभग साढ़े तीन फीट ऊं चा डिवाइडर बनाया जा रहा है। डिवाइडर की वॉल भवनों की बीम की तरह मोटी बनाई जा रही है। तकनीकी जानकारों की मानें तो इतने ऊं चे डिवाइडर की आवश्यकता ही नहीं है।
गड्ढा खोदने के बाद नहीं कर रहे रीस्टोलेशन-पाइप लाइन बिछाने या पानी की पाइप लाइन में लीकेज सुधार के लिए खोदे गए गड्ढों को केवल मिट्टी या हार्ड डस्ट से पूरा जा रहा है। नियमानुसार रीस्टोलेशन नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण राइट टाउन स्टेडियम के समीप समेत कई स्थल पर एक्सीडेंटल प्वाइंट बन गए हैं।
निर्माण साइट पर संकेतक नहीं-
राइट टाउन में सीवर लाइन बिछाने व दीनदयाल चौक से दमोहनाका मार्ग पर ड्रेनेज तैयार किया जा रहा है। इन साइट पर सडक़ में व मार्ग किनारे गहरे गड्ढे हैं, लेकिन लोगों को अलर्ट करने संकेतक नहीं लगाए गए। जिसके कारण दुर्घटना का खतरा है।
प्लानिंग की कमी से बार-बार सडक़ की खुदाई-सडक़ निर्माण के वक्त पानी की पाइप लाइन, टेलीकॉम कं पनी की केबल लाइन बिछाने व ड्रेनेज विकसित करने का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। इसके कारण बार-बार सडक़ों में खुदाई हो रही है। इससे शहरवासियों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
नाली में बिजली के खंभे-
यादव कालोनी से विजय नगर एमआर ४ मार्ग पर लगभग सौ मीटर लंबी नाली का निर्माण किया गया। हद तो ये की निर्माण के वक्त ये भी ध्यान नहीं रखा गया की नाली की सीध में बिजली के खंभे हैं। बिजली के खंभे की दोनों ओर नाली बना दी गई।
साइट पर झांकने भी नहीं आते इंजीनियर-
एेसा नहीं की नगर निगम के पास इंजीनियरों की कमी है। बड़े विभागों में २-२ कार्यपालन यंत्री से लेकर सहायक यंत्री व उपयंत्री तैनात हैं। जबकि कई विभागों व प्रोजेक्ट में १-१ कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री व उपयंत्री को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके बावजूद ज्यादातर साइट पर निगम के इंजीनियर कभी कभार निरीक्षण के लिए पहुंचते हैं।
वर्जन-निर्माण कार्यों में इंजीनियर की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। निरीक्षण के दौरान कई कमियों को दूर किया जा सकता है। इतना ही नहीं गुणवत्ता नियंत्रण के लिए भी इंजीनियर का साइट निरीक्षण आवश्यक है। इंजी. संजय वर्मा, स्ट्रक्चर इंजीनियर व टाउन प्लानर