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इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स ने बनाया एक ऐसा ऐप, पहले ही पता चलेगा कि खेतों में कितनी होगी पैदावार

locationजबलपुरPublished: May 10, 2019 07:32:53 pm

Submitted by:

abhishek dixit

इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स ने बनाया एक ऐसा ऐप, पहले ही पता चलेगा कि खेतों में कितनी होगी पैदावार

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जबलपुर. शहर में एक ओर जहां कई तरह के टेक्निकल चैजेंस हो रहे हैं और लोगों की लाइफ टेक्नोलॉजी आसान बना रही है, उसी बीच शहर के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स भी टेक्नोलॉजी से जुड़े कई इनोवेशन करने में लगे हुए हैं। इसके चलते सिटी डवलपमेंट और ह्यमून लाइफ को आसान बनाने के लिए कई मॉडल्स और प्रोजेक्ट तैयार किए हैं।

किसानों को पता लगता है फसल कितनी होगी
इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स संजित वर्मा, भावना द्विवेदी, प्रतीक रजक और तनीषा दत्ता रॉय ने मिलकर फॉर्मर वेलफेयर के नाम से सॉफ्टवेयर बनाया है। इस एप में किसान को आर्थिक रूप में सशक्त बनाने के और तकनीकी सुविधाओं में उसे आगे बढ़ाने के लिए कई काम किए गए हैं। इस सॉफ्टवेयर में किसान इस बात की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि फसल की पैदावार कितनी होगी, वहीं खेत पर नुकसान होने पर अलर्ट भी स्मार्टफोन से कनेक्ट होने के कारण मिल जाता है। इसके साथ ही फसल और मुनाफा की जानकारी भी इसमें सेट की गई है।

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पर्यावरण को बचाने की देता है जानकारी
शहर के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स आयुष रजक, आयुष मिश्रा, आशी पटेल, चिनहार महावर, गौरव गुप्ता, गौतमी छाबड़ा ने एक ऐसा एप्लिकेशन डवलप किया है, जो पर्यावरण को होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देता है। उन्होंने बताया कि इस एप का नाम उन्होंने स्पेक्स कोडर्स रखा है। यह विभिन्न सामग्रियों के लैंडफिल में डंप होने पर पर्यावरण को होने वाले दुष्प्रभाव का विवरण मात्रानुसार देता है। जिसके लिए उन्होंने एक खास अल्गोरिथम बनाया है, साथ ही यह उन सामग्रियों के निस्तारण व पुन: उपयोग से जुड़ा सुझाव भी देता है। सामग्री में कपड़ा, रसोई के बर्तन और उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, खिलौने, स्टेशनरी, किताबें, जूते, फर्निचर और कई घरेलू सामान शामिल हैं।

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