मिश्रा और निकोसे के हर एक काम पर अब नजर
जबलपुरPublished: Dec 19, 2019 07:51:39 pm
सौभाग्य योजना में मंडला और डिंडौरी में घोटाले का मामला
जबलपुर, सौभाग्य योजना में घपला और घोटाला करने वाले अफसरों में केवल संचालन एवं संधारण वृत्त मंडला के अधीक्षण अभियंता टीके मिश्रा और संचालन एवं संधारण वृत्त डिंडौरी के अधीक्षण अभियंता अशोक निकोसे को निलंबित तो कर दिया गया, लेकिन उनकी मुसीबतें कम नहीं हुई है। जानकारों की माने तो दोनों अधीक्षण अभियंताओं के पूरे कार्यकाल को खंगाला जाएगा। इस दौरान उन्होंने कहां और क्या काम कराए, इसकी भी अलग से जांच होगी। आला अफसरों का मानना है कि उसमें भी घपले और घोटाले सामने आ सकते हैं। सूत्रों की माने, तो इसके लिए एक अलग से टीम बनाई जाएगी।
मिश्रा रीवा, निकोसे जबलपुर भेजे गए
निलंबन के बाद अधीक्षण अभियंता टीके मिश्रा को रीवा स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय में अटैच कर दिया गया है, वहीं डिंडौरी के अधीक्षण अभियंता अशोक निकोसे को मुख्य अभियंता जबलपुर संभाग के कार्यालय में अटैच किया गया है।
अफसरों का गिरोह है शामिल
इस घपले में दोनों अधीक्षण अभियंता ही शामिल नहीं है, बल्की इसमें अधिकारियों का पूरे का पूरा गिरोह शामिल हैं। इसके संकेत बुधवार को विधानसभा में ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने दे दिए हैं। मामले की जांच वर्तमान में जारी है, ऐसा माना जा रहा है कि डेढ़ से दो माह में जांच पूरी हो जाएगी। जानकारों की माने तो इसमें दो से तीन दर्जन से अधिक अधिकारियो और कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। सौभाग्य योजना में मंडला और डिंडौरी में घोर अनियमितताएं हुई है। जिन उपकरणों का इस्तेमाल किया गया, वे घटिया स्तर के हैं। इसके चलते मिश्रा और निकोसे को निलंबित किया गया।
अब तक 24 के नाम आए सामने
अब तक की जांच में दोनों अधीक्षण अभियंताओं समेत 24 अफसरों के नाम सामने आए हैं, जो इस घोटाले में शामिल हैं। कंपनी ने इन 24 अफसरों के नाम तो उजागर नहीं किए, लेकिन इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इनमें से मंडला के 17 और डिंडौरी के सात अधिकारी शामिल हैं।