इसकी पड़ताल के लिए एसआईटी की टीम ने सिटी हॉस्पिटल में काफी देर तक छानबीन की, फिर अस्पताल के एकाउंटेंट को निशाने पर लिया। एसआईटी टीम ने एकाउंटेंट से लंबी पूछताछ भी की। माना जा रहा है कि इस नकली इंजेक्शन के कॉकस में शामिल एक और बंदा मिल गया है। अब इसकी गिरफ्तारी के संकेत मिलने लगे हैं।
बताया जा रहा है कि सिटी हॉस्पिटल में 171 मरीजों को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की डोज दी गई थी। 209 नकली इंजेक्शन मरीजों को लगाए गए थे। इनमें से नौ मरीजों की मौत हो गई थी। प्रकरण की विवेचना में जुटी एसआइटी ने अस्पताल के रिकॉर्ड खंगाले तो तमाम बिल बाउचर संशोधित किए मिले। कम्प्यूटर के बिल बाउचार में भी छेड़छाड़ के भी संकेत मिले जिसके बाद पुलिस ने गड़बड़ी पकड़ ली और अब एकाउंटेंट के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की तैयारी है।
बता दें कि पुलिस इस नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में इंजेक्शन निर्माता गुजरात के सूरत निवासी पुनीत शाह व कौशल बोरा के विरुद्ध प्रोडक्सन वारंट जारी कराया है। अब इस मामले में गुजरात पुलिस द्वारा गिरफ्तार जबलपुर के सपन जैन के विरुद्ध प्रोडक्शन वारंट जारी कराने की तैयारी है। उसके बाद सपन जैन, सूरत निवासी पुनीत शाह व कौशल बोरा को जबलपुर लाया जाएगा। फिर उनसे पूछताछ होगी। पुलिस को उम्मीद है कि इन तीनों से पूछताछ के बाद कुछ और चौंकाने वाले तथ्य उजागर होंगे। इस संबंध मे पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा का कहना है कि प्रकरण से जुड़े सभी पहलुओं पर छानबीन की जा रही है।
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन कांड में आरोपित सिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा के बेटे हरकरण की तलाश में पुलिस संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है। उसकी तलाश होती रही परंतु एसआइटी उस तक नहीं पहुंच सकी। इधर, मोखा की पत्नी जसमीत कौर, सिटी हॉस्पिटल की मैनेजर सोनिया, अस्पताल में मेडिकल स्टोर चलाने वाले देवेश चौरसिया को रिमांड में पूछताछ के बाद पुलिस जेेल भेज चुकी है।