scriptसिक्किम की ठंड में धनुष तोप के स्वदेशी इंजन की परीक्षा | Examination of indigenous engine of Dhanush gun in the cold of Sikkim | Patrika News

सिक्किम की ठंड में धनुष तोप के स्वदेशी इंजन की परीक्षा

locationजबलपुरPublished: Feb 19, 2019 05:53:25 pm

Submitted by:

gyani rajak

गन कैरिज फैक्ट्री से तोप रवाना, होगी फायरिंग
 

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ज्ञानी रजक@जबलपुर. 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष तोप अब ज्यादा स्वदेशी होने जा रही है। गन कैरिज फैक्ट्री में इसका (जीसीएफ) इसका इंजन बदला गया है। बड़ी बात यह है कि यह देश में बना है। नए इंजन की टेस्टिंग के लिए एक तोप को सिक्किम रवाना किया गया है। वहां माइनस 5 डिग्री के तापमान में गोला दागकर क्षमताओं का परीक्षण किया जाएगा। इसकी शुरूआत एक सप्ताह बाद होगी। यदि परीक्षण सफल रहा तो फिर इस इंजन को सभी नई तोप में लगाया जाएगा।

स्वदेशी बोफोर्स तोप कही जाने वाली धनुष तोप ने कई कीर्तिमान हासिल किए हैं। यह पहली तोप होगी जिससे 4 हजार से ज्यादा राउंड फायर किए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि इसमें जो इंजन लगाया जा रहा था, वह स्वीडन का है। हालांकि सप्लाई एक भारतीय कंपनी के मारफत होती है। लेकिन अब इसे देश में तैयार किया गया है। बताया जाता है कि इंजन को एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी ने की है लेकिन उसका कारखाना देश में लगाया गया है। इसलिए इसे स्वदेशी नाम दिया है।

80 फीसदी कलपुर्जे स्वदेशी

40 किमी की दूरी तक दुश्मन पर निशाना साधने वाली तोप में अभी करीब 80 फीसदी कलपुर्जे स्वदेशी हैं। अब यदि इंजन भी इसमें शामिल हो जाएगा तो इसके पूरी तरह स्वदेशी होने में बड़ा कदम होगा। तोप का महत्वपूर्ण पाट्र्स बैरल और मजल कानपुर में बनता है। वहीं इसकी माउंटिंग से लेकर पूरा स्ट्रक्चर जीसीएफ में तैयार होता है।

क्षमता में भी इजाफा
धनुष तोप के परिचालन में इंजन की सबसे बड़ी भूमिका होती है। इस पर ही पूरा दारोमदार होता है। सूत्रों ने बताया कि इंजन मौजूदा इंजन से ज्यादा दमदार है। यह 80 हॉर्स पावर से ज्यादा का है। जबकि अभी इसे चलाने के लिए 60 हॉर्स पावर की जरुरत पड़ती है। लेकिन भविष्य के अपग्रेडेशन के लिहाज से आधुनिक इंजन की जरुरत होगी।

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