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यहां हुई शानदार पहल : अधिकारियों की रोज लगेगी क्लास, शाम को फीडबैक भी लिया जाएगा

locationजबलपुरPublished: Aug 23, 2019 05:47:40 pm

Submitted by:

shyam bihari

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में विभागीय कामकाज में कसावट लाने की कवायद

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जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय प्रशासन ने विभागीय कामकाज में कसावट लाने की कवायद शुरू कर दी है। नई व्यवस्था के तहत कुलसचिव अपने कक्ष में प्रतिदिन प्रशासनिक अधिकारियों से वन-टू-वन चर्चा कर कार्यों की रूपरेखा और लम्बित प्रकरणों पर चर्चा करेंगे। इसी दिन शाम को काम में हुई प्रगति का फीड बैक लेंगे। इस संबंध में गुरुवार सुबह सभी प्रशासनिक अधिकारियों को आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
कुल सचिव प्रो. कमलेश मिश्र ने जारी आदेश में विश्वविद्यालय के सभी प्रशासनिक अधिकारियों (परीक्षा नियंत्रक, वित्त नियंत्रक, उप-कुलसचिव, सहायक कुलसचिव, प्रभारी आचार्यों) को प्रत्येक कार्य दिवस में सुबह 10.30 बजे कुलसचिव कक्ष में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान वे सभी अधिकारियों से विभागों से सम्बंधित कार्यों की रूपरेखा और लम्बित प्रकरणों पर चर्चा करेंगे और शाम 5:30 बजे दिनभर में किए गए कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
हर शुक्रवार को होगी बैठक
आदेश में प्रत्येक सप्ताह शुक्रवार को शाम चार बजे सभी प्रशासनिक अधिकारी अपने अनुभाग अधिकारियों के साथ कुलसचिव कक्ष में उपस्थित होंगे। इसमें सप्ताह भर में किए गए कार्यों की समीक्षा की जाएगी। विभागीय स्तर पर समस्याओं के निराकरण के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

इनका कहना है
विश्वविद्यालय के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। कामों की प्रतिदिन समीक्षा करने से सभी को विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जानकारी रहेगी।

प्रो. कमलेश मिश्रा, कुलसचिव रादुविवि

आदिवासी हॉस्टल के बच्चों को दोपहर का टिफिन भी मिलेगा
आदिवासी छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों को जल्द ही दोपहर के भोजन के लिए टिफिन देने की सुविधा प्रारंभ होगी। आदिवासी विभाग कुछ हॉस्टल से इसकी शुरूआत कर रहा है। अभी छात्र एवं छात्राएं सुबह का नाश्ता कर अध्ययन के लिए स्कूल चले जाते हैं, लेकिन दोपहर में वे भोजन के लिए हॉस्टल नहीं आ पाते। ऐसे में उन्हें केन्टीन में मिलने वाली सामग्री से काम चलाना पड़ता है। इससे कई बार बच्चे बीमार भी हो जाते हैं। जिले में आदिवासी विकास विभाग एसटी एवं एससी वर्ग के लिए 30-30 प्री- मैट्रिक हॉस्टल का संचालन करता है। इसमें कक्षा छठवीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राएं रहकर स्कूलों में अध्ययन करती हैं। प्रत्येक हॉस्टल में कम से कम 50 बच्चे हैं। इन्हें हॉस्टल में भोजन की व्यवस्था विभाग करता है। छात्र-छात्राओं को सुबह 10 बजे से 4 बजे तक स्कूलों में रहना पड़ता है। फिर रात में ही वे हॉस्टल में भोजन करते हैं। इस स्थिति को देखते हुए विभाग कुछ हॉस्टल में प्रायोगिक के तौर पर टिफिन वितरण शुरू कर रहा है।

इनका कहना है
प्री मैट्रिक हॉस्टल के छात्र एवं छात्राओं को दोपहर का भोजन हॉस्टल से भेजा जा सके, इसके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। कुछ हॉस्टल में टिफिन भेजने की व्यवस्था शुरू की जा रही है। इससे उनका स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा।
पूजा द्विवेदी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास

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