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गेहूं का निर्यात रूकने से 1960 रुपए पहुंचा गेहूं का दाम

locationजबलपुरPublished: May 20, 2022 10:22:28 pm

Submitted by:

Mayank Kumar Sahu

मंडी में अनाज की आवक रही कमजोर, संशय में रहे किसान,करीब 6 हजार बोरा हुई
 

wheat

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केंद्र सरकार द्वारा गेहूं निर्यात पर रोक लगाए जाने से गेहूं के दामों पर असर पड़ा है। कृषि उपज मंडी में गेहूं के दाम में करीब 50 से 60 रुपए का अंतर आया है। जो गेहूं 2040 रुपए क्विंटल बिक रहा था उसके दाम गिरकर 1960 से 1980 के बीच पहुंच गया है। सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर रोक लगाए जाने का विरोध किया जा रहा है जिसे लेकर शहर की कृषि उपज मंडी भी दो दिनों तक बंद रखी गई। इस दौरान करीब 3 से 4 करोड़ का कारोबार प्रभावित रहा।

खुली मंडी लेकिन आवाक कमजोर
गुरुवार को मंडी में खरीदी, बिक्री का काम फिर से शुरू हो गया लेकिन अनाज की आवक कम रही। करीब 5000 से 6000 बोरा ही अनाज पहुंचा। इसमें चना, बटरी, मूंग, राहर, गेहूं आदि शामिल था। गेहूं की आवक भी कमजोर रही करीब 2500 बोरा गेहूं पहुंचा। आवाक कम होने की वजह कई किसानों को दामों को लेकर संशय रहना भी था तो वहीं मंडी खुलने को लेकर असमंजस बना रहना था।

पोर्ट से वापस आने से होगा नुकसान

कृषि उपज मण्डी के अध्यक्ष अध्यक्ष दीपक नौगरिया, प्रकाश राठौर कहते हैं कि पोर्ट में हजारों की संख्या में गेहूं के ट्रक पहले से जाकर फंस गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा अचानक निर्यात पर रोक लगाने से वहां एक्सपोर्ट माल नहीं उतरवा रहे हैं। अब यदि ट्रकों को वापस भेजा जाएगा तो इससे भारी नुकसान होगा। पीयूष जैन,कल्लू छिरोल्या, सुधीर जैन ने इस निर्णय का विरोध किया है।

-निर्यात रुकने के कारण गेहूं के दाम में 60 से 70 रुपए तक का असर पड़ा है। जो माल बंदरगाह से वापस आने में भारी नुकसान होगा। उसे निर्यात के लिए अनुमति दी जानी चाहिए।
-प्रकाश राठौर, उपाध्यक्ष कृषि उपज अनाज मंडी

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