एफसीआई बिना ऑनलाइन टेंडर के इसे जारी करेगा। इसके लिए निगम ने अपनी दरें भी तय की हुई हैं। सुविधा यह भी दी जा रही है कि मिलर्स एवं गेहूं के उत्पाद बनाने वाले निर्माताओं को निगम से पंजीयन की जरूरत भी नहीं रहेगी। लेकिन शर्त यह भी रखी गई है कि इस गेहूं का फिर से विक्रय नहीं किया जा सकेगा। स्कीम में गेहूं प्रदाय के लिए निगम की ओर से जिले की पीडीएस की आवश्यकता को छोड़कर शेष सरप्लस मात्रा की गणना के बाद गोदामों को चिन्हांकित किया गया है। इन्हीं चिन्हित गोदामों से गेहू का उठाव क्रेता कर सकेंगे।
जिले में 42 लाख क्विंटल से ज्यादा गेहूं
मौजूदा समय में जिले में मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कारपोरेश लिमिटेड का गोदामें में 42 लाख क्विंटलसे ज्यादा गेहू रखा हुआ है। इसकी बिक्री एफसीआई के माध्यम से होती है। इसी प्रकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन दुकानों को लिए गेहूं का हर माह आवंटन किया जाता है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत पूरे साल में 8 से 10 लाख क्विंटल गेहूं का उठाव हो पाता है। यानी 30 से 32 लाख क्विंटल गेहूं अभी भी गोदामों में रखा हुआ है। एफसीआई के द्वारा जिले की करीब 79 गोदामों में 17 लाख 89 हजार क्विंटल गेहूं को सरप्लस घोषित किया गया है। इसमें बरखेड़ा, रिछाई, सिहोरा, भेड़ाघाट, शहपुरा, पाटन एवं करारी गोदाम शामिल है।
इस सीजन के गेहूं की खरीदी होनी है लेकिन उसके भंडारण के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं हो सके हैं। इसलिए सरप्लस गेहूं को बाहर करने के पीछे जगह खाली करना भी है। इसी प्रकार वर्तमान में देश में लॉकडाउन है। ऐसे में मिलर्स आटा एवं दूसरे उत्पाद तैयार करेंगे ताकि बाजार में इसकी कमी नहीं हो। इसी प्रकार राशन दुकानों में आगामी तीन माह का खाद्यान्न आवंटित किया जा रहा है।