scriptfacebook whatsapp अकाउंट के लिए अनिवार्य हो सकती है आइडी प्रूफ, कोर्ट में याचिका दायर | facebook whatsapp accounts new rules 2019, login with id proof | Patrika News

facebook whatsapp अकाउंट के लिए अनिवार्य हो सकती है आइडी प्रूफ, कोर्ट में याचिका दायर

locationजबलपुरPublished: Jul 17, 2019 12:47:59 pm

Submitted by:

Lalit kostha

जनहित याचिका में मांग, कोर्ट ने गाइडलाइन पेश करने को कहा
 
 

Facebook

facebook whatsapp

जबलपुर। फेसबुक वॉटसएप Facebook WhatsApp में गलत जानकारियां, दंगा भडक़ाने व धर्म विशेष पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों के लिए बुरी खबर है। यदि कोर्ट ने सही दिशा में कदम उठाया तो बिना आईडी प्रूफ के अब न तो फेसबुक चल सकेगी और न ही वॉट्सएप का उपयोग किया जा सकेगा। ऐसे में दुरुपयोग करने वालों को सजा भी दिलाई जा सकेगी।
दरअसल, जबलपुर के एक अधिवक्ता ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सोशल नेटवर्र्किंग साइट्स वाट्सएप-फेसबुक facebook whatsapp पर फेक व मल्टीपल आईडी के जरिए कई फर्जी अकाउंट संचालित करने का मसला उठाया है। याचिका में आग्रह किया जाए कि इन साइट्स पर अकाउंट संचालन के लिए केवायसी या आईडी प्रूफ का प्रावधान अनिवार्य करने के निर्देश दिए जाएं। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच याचिकाकर्ता को दो सप्ताह में इस संबंध में शासकीय गाइडलाइन पेश करने को कहा।

 

facebook whatsapp

मंडला रोड, जबलपुर निवासी अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने याचिका में कहा कि टेलीफोन कनेक्शन और बैंक अकाउंट खुलवाने सहित अन्य सुविधाओं के लिए केवायसी आइडी प्रूफ जमा कराने का प्रावधान है। ताकि किसी तरह की गड़बड़ी होने पर यूजर के खिलाफ ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। इसी तरह की व्यवस्था फेसबुक-वॉट्सऐप आदि सोशल साइट्स के यूजर्स पर भी लागू होनी चाहिए। इससे इन सोशल साइट्स के जरिए राष्ट्रीय सुरक्षा सहित अन्य तरह के संवेदनशील मसलों पर गड़बड़ी करने वालों की शिनाख्त आसान हो सके।

 

facebook whatsapp

वॉट्सऐप बना न्यूसेंस का औजार
याचिकाकर्ता ने स्वयं अपना पक्ष रखते हुए तर्क दिया कि फेसबुक-वॉट्सऐप आदि पर फर्जी अकाउंट्स की भरमार है। फर्जी इ-मेल आइडी भी बड़ी संख्या में हैं। इनके जरिए अनुचित कार्यों को अंजाम दिया जाता है। वॉट्सऐप के जरिए जनभावनाओं को भडक़ाने वाली पोस्ट खूब प्रसारित की जा रही हैं। यह न्यूसेंस का हथियार जैसा बन गया है। उन्होंने राय दी कि 50 से अधिक सदस्यों वाले ग्रुप्स में पुलिस से सम्बंधित एक सदस्य अनिवार्य होना चाहिए। इस पर कोर्ट ने उनसे पूछा कि सोशल मीडिया को कंट्रोल करने के सम्बंध में कोई गाइडलाइन हो तो बताएं। एडवोकेट गुप्ता ने कोर्ट को जानकारी दी कि फिलहाल सरकारी महकमो के लिए गाइडलाइन है। लेकिन वह आम यूजर्स पर लागू नहीं है। इस पर कोर्ट ने उक्त गाइडलाइन पेश करने का निर्देश दिया।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो