ऐसे चल रहा था गोरखधंधा
एसटीएफ जबलपुर प्रभारी हरिओम दीक्षित के अनुसार विभाग को सूचना मिली कि रीवा का एक युवक नकली नोट छापकर उसकी मार्केट में सप्लाई करता है। गिरोह में सतना, रीवा, कटनी के भी कई युवक शामिल हैं। एसटीएफ के एसपी कमलेश खरपुशे के निर्देशन में टीम ने छानबीन शुरू की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। टीम ने जेपी नगर रीवा निवासी प्रदीप कुमार सोनी को गिरफ्तार किया। उसके पास से भारी मात्रा में 2000 और 500 के नकली नोट बरामद किए गए। आरोपी ने स्वीकार किया कि यह गोरखधंधा योजनाबद्ध तरीके से चल रहा था। कार्रवाई में एसटीएफ के रघुबीर सिंह, निर्मल सिंह, मनीष तिवारी, दिलावर, प्रभात सिंह, ओमप्रकाश आदि शामिल रहे। टीम कटनी एवं सतना में भी छानबीन शुरू की, अभी कई आरोपित फरार हैं।
हू-ब-हू असली दिखते हैं नोट
एसटीएफ जबलपुर प्रभारी दीक्षित के अनुसार प्रदीप के पास से नकली नोट के कागज एवं स्कैनर समेत अन्य सामग्री बरामद की गई है। प्रारंभिक पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि प्रदीप सोनी का गिरोह अब तक रीवा, कटनी और सतना में ही 2000 और 500 के कई करोड़ नकली नोट खपा चुका है। इसकी सप्लाई कई जिलों में है। सौ रुपये के नकली नोटों की क्वालिटी तो अच्छी है कि आम आदमी जब तक बारीकी से जांच नहीं करे तब तक पता नहीं चल सकता है कि 100 रुपये का नोट नकली है। जब एसटीएफ की टीम ने दोपहर के वक्त रीवा की जेपी कॉलोनी में प्रदीप कुमार सोनी के घर पर छापा मारा तो उसके घर से 90 हजार रुपये के नकली नोट बरामद हुए। टीम द्वारा प्रदीप से पूछताछ की जा रही है।
शराब दुकानों के जरिए खपाए नोट
पुलिस के अनुसार पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि रीवा से प्रदीप कुमार सोनी द्वारा पिछले दो साल से नकली नोटों की सप्लाई की जा रही है। उसके द्वारा शराब के अड्डों व पेट्रोल पम्पों के जरिए नकली नोटों की सप्लाई की जा रही थी। इन अड्डों पर 40 रुपये के असली नोट के बदले 100 रुपये का नोट सप्लाई किया जाता था। वह 2000 और 500 के भी नकली नोट बनाता था।