जिला स्वास्थ्य अधिकारी धीरज दवंडे के अनुसार मुख्य चिकित्सा व सवास्थ्य अधिकारी ने तीन सदस्यों की कमेटी गठित कर क्लीनिक चला रहे फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उन सभी मामलों की जांच की गई। जांच के दौरान शिकायत मिली कि घमापुर सिद्घबाबा रोड पर डॉ. गोपाल सिंह के क्लीनिक में डॉ. मुर्तजा मंसूरी बैठता है। वह बिना जानकारी के मरीजों का अंग्रेजी दवाओं से इलाज कर रहे हैं। क्लीनिक में डॉ. मुर्तजा बैठता है, जबकि क्लीनिक में डॉ गोपाल सिंह का नाम लिखा था। 13 अप्रैल को डॉ गोपाल सिंह के नाम पर ही नोटिस भेजा गया था। नोटिस का कोई जबाव अब तक नहीं मिला है। मरीजों के पर्चे में डॉ. मुर्तजा मंसूरी अपने हस्ताक्षर कर मोबाइल नंबर लिखते हैं। शिकायत पर डॉ मंसूरी पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई।
दवंडे के मुताबिक इसी तरह गढ़ा थाना क्षेत्र के शाहीनाका में डॉ केपी पांडेय क्लीनिक चला रहे हैं। क्लीनिक का कोई पंजीकरण नहीं कराया गया। शिकायत पर कमेटी ने जांच की तो पता चला कि डॉ. केपी पांडेय ने 18 अप्रैल को क्लीनिक से मरीज की जांच की और उसे पर्चे में अंग्रेजी दवा लिखकर दी थी। डॉ केपी पांडे को नोटिस दिया गया, जिसका तीन दिन में जबाव देने के लिए कहा गया था। अब तक जबाव नहीं दिया गया है। शिकायत पर डॉ केपी पांडेय पर मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
उधर गोहलपुर क्षेत्र में क्लीनिक चलाने वाले डॉ नीरज दाहिया और डॉ. एसएस ठाकुर की शिकायत मिली थी। जांच के दौरान पता चला कि ग्रीन सिटी मनमोहन नगर पार्क के पीछे डॉ. नीजर दाहिया और डॉ एसएस ठाकुर क्लीनिक चलाते हैं। क्लीनिक का कोई पंजीयन नहीं कराया गया है। डॉ. दाहिया और डॉ. ठाकुर मरीजों के पर्चे में उपचार के लिए दवाएं लिख रहे हैं, जिससे मरीजों की जान को खतरा बना हुआ है। दोनों को 27 अप्रैल को नोटिस दिया गया। दोनों की शिकायत गोहलपुर थाने में की गई। पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।