जबलपुरPublished: Mar 14, 2020 07:16:31 pm
shyam bihari
जबलपुर में फर्जी सिकमीधारी किसानों की होगी जांच, राजस्व अधिकारी एक सप्ताह में देंगे रिपोर्ट
farmer crop
जबलपुर। गेहूं की खरीदी के लिए पंजीकृत फर्जी किसानों की जबलपुर जिला प्रशासन जांच करवा रहा है। जिले के कलेक्टर भरत यादव ने सभी समितियों में पंजीकृत ऐसे किसानों की जांच का जिम्मा राजस्व अधिकारियों को दिया है। उन्हें एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट तैयार कर जिला आपूर्ति नियंत्रक के कार्यालय में जमा करने के लिए कहा गया है। शासन की गेहूं उपार्जन नीति के अंतर्गत गेहूं विक्रय पर किसानों को प्राप्त होने वाले समर्थन मूल्य की राशि का अवैधानिक लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ फ र्जी सिकमी भूमि धारी कृषकों के पंजीयन कराने की आशंका को ध्यान में रखते हुए जिले में सिकमी भूमिधारी कृषकों और 10 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले गेहूं के किसानों के पंजीयन की जांच की जाएगी। रबी विपणन वर्ष 2020-21 में गेहूं खरीदी के लिए सिकमी भूमिधारी कृषकों ने भी बड़ी संख्या में पंजीयन कराया है। इन पंजीकृत किसानों में से फ र्जी किसानों की पहचान के लिए कलेक्टर ने सूक्ष्म जांच के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर भरत यादव ने जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सहित सभी तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को गेहूं खरीदी के लिए पंजीकृत फ र्जी किसानों की जांच के लिए कहा है।
स्टाम्प ड्यूटी का खयाल
कलेक्टर भरत यादव ने राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र के ऐसे कृषकों, जिनके पंजीयन में सिकमी भूमि का उल्लेख किया गया है और 10 हेक्टेयर से अधिक रकबे वाले पंजीकृत कृषकों की विशेष रूप से गहन जांच की जाए। इस दौरान अन्य तथ्यों के साथ-साथ इस बिंदु पर भी बारीकी से जांच की जाए कि क्या सिकमी में ली गई भूमि विधिवत् स्टाम्प ड्यूटी जमाकर सिकमीनामा तैयार कराया गया है। साथ ही उपरोक्त भूमि पर गेहूं की ही फसल बोई गई है। इस बारे में किसानों का कहना है कि यदि कुछ लोग फर्जीवाड़ा कर रहे हैं, तो उन पर कार्रवाई होनी ही चाहिए। लेकिन, इसकी आड़ में वाजिब किसानों को हक नहीं मारा जाना चाहिए। क्योंकि, कुछ अफसर और कर्मचारी किसानों से वसूली भी करने लगते हैं।