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Fake Remdesivir Injection Case: सिटी हॉस्पिटल के निदेशक की मोखा की मुश्किलें बढ़ीं

locationजबलपुरPublished: Jun 29, 2021 02:15:28 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-Fake Remdesivir Injection Case: सरबजीत मोखा अब जाएगा गुजरात

सरबजीत सिंह मोखा

सरबजीत सिंह मोखा

जबलपुर. Fake Remdesivir Injection Case के आरोपी सिटी हॉस्पिटल के निदेशक की मोखा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। जानकारी के मुताबिक अब गुजार पुलिस उसे गुजरात ले जाएगी। इसके लिए पुलिस अधिकारी विनोद शुक्ला के नेतृत्व में गुजरात के मोरबी थाने की टीम प्रोडक्शन वारंट लेकर जबलपुर पहुंच गई है। सिटी हॉस्पिटल कर्मचारी देवेश और गुजरात पुलिस की गिरफ्त में पहले से आ चुके जबलपुर के आधारताल थाना क्षेत्र निवासी सपन जैन से पूछताछ में मोखा की भूमिका सामने आने के बाद गुजरात पुलिस उसे ले जाने आई है।
इतना ही नहीं विनोद शुक्ला के नेतृत्व में जबलपुर पहुंची टीम अपने साथ सिटी अस्पताल के दवा कर्मी देवेश चौरसिया को लाई है। उसे जबलपुर सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया है।

जबलपुर एसआईटी प्रभारी सीएसीपी अखिलेश गौर से भी मिलने पहुंची गुजरात पुलिस टीम ने जबलपुर में रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में की गई छानबीन से संबंधित कुछ जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। साथ ही कुछ दस्तावेज शेयर करने की बात की है। टीम मंगलवार को कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट पेश किया है। अब कोर्ट तय करेगी कि मोखा को टीम के साथ भेजा जाएगा या नहीं।
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सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत मोखा के गुजरात ले जाने के बाद बड़ा खुलासा हो सकता है। सूत्रों की मानें तो सरबजीत मोखा से पूछताछ में यहां की पुलिस गुजरात के आरोपियों खासकर सपन जैन से आमना-सामना नहीं कर पाई थी। सपन गुजरात की मोरबी जेल में है। उसके सामने बिठाकर पूछताछ में मोखा की पूरी सच्चाई सामने आ सकती है। वहीं गुजरात पुलिस अपनी सख्ती के लिए जानी जाती है।
यहां बता दें कि जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की जांच के लिए गठित एसआईटी टीम, टीआई घमापुर दिलीप श्रीवास्तव के नेतृत्व में अभी गुजरात में ही है। टीम गुजरात में गिरफ्तार चारों आरोपी, नकली इंजेक्शन फार्मा कंपनी के डायरेक्टर कौशल वोरा व पुनीत शाह, भगवती फार्मा के संचालक जबलपुर निवासी सपन जैन और रीवा निवासी दलाल सुनील मिश्रा को लेकर गई थी। टीम को वहां की जांच में मिले कुछ तथ्य और डाक्यूमेंट हासिल करने हैं। वहीं टीम गुजरात से इंदौर जाएगी। इसके बाद जबलपुर लौटेगी।
नकली इंजेक्शन बनाने वाले पुनीत शाह और कौशल वोरा पहले लिक्विड इंजेक्शन बनाने वाले थे। उन्हें पता ही नहीं था कि रेमडेसिविर इंजेक्शन पाउडर में आती है। इसके लिए कौशल वोरा ने एक इंजेक्शन खरीदा। इसका वजन किया तो इंजेक्शन के पाउडर सहित पूरा वजन 33 ग्राम का निकला। आरोपियों ने जो नकली इंजेक्शन की शीशी तैयार कराई, उसका वजन असली इंजेक्शन की शीशी से अधिक 18 ग्राम का था। इसके चलते आरोपियों ने उसमें 15 ग्राम पाउडर भरकर पैकिंग की, जिससे वजन 33 ग्राम से अधिक न हो। कौशल वोरा ने वापी मुम्बई से रैपर आदि बनवाए थे। वहीं पाउडर उालने के बाद क्लिपिंग मशीन से उसे सील कर देते थे।
इस नकली फार्मा के दोनों पार्टनर कौशल वोरा जहां सूरत का रहने वाला है। वहीं पुनीत शाह भरूच का रहने वाला है। पुनीत जहां मेडिकल संबंधी सामान बेचता था। वहीं पुनीत शाह गल्बस बेचता था। उसी दौरान दोनों की मुलाकात हुई। और अधिक पैसे कमाने के चक्कर में दोनों ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने का निर्णय लिया था। दोनों ने अपनी भूमिका भी तय कर ली थी। पुनीत जहां प्रोडक्शन आदि का काम देखत था। वहीं कौशल ने सैलिंग और मार्केटिंग का काम संभाल लिया था। कौशल की अंग्रेजी अच्छी है और वह मैकेनिकल से डिप्लोमा भी किया है।

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