scriptfake remdesivir injection case: एसआईटी की जांच पूरी, अब बहुत जल्द कोर्ट में पेश होगा चालान | fake remdesivir injection case Investigation completed SIT Ready to submit challan | Patrika News

fake remdesivir injection case: एसआईटी की जांच पूरी, अब बहुत जल्द कोर्ट में पेश होगा चालान

locationजबलपुरPublished: Aug 03, 2021 10:57:04 am

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-6 मई को पहली बार गुजरात पुलिस ने जबलपुर से पहले आरोपी को किया था गिरफ्तार-जांच बढती गई और एक-एक कर नए-नए आरोपी गिरफ्त में आते गए-जबलपुर, नरसिंहपुर, रीवा तक फैला रहा जाल

remdesivi injection

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जबलपुर. बहुचर्चित fake remdesivir injection case की जांच अब पूरी हो गई है। तीन महीने की कड़ी मशक्कत के बाद एसआईटी ने यह जांच सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। अब इसी हफ्ते में एसआईटी चालान पेश करने की तैयारी में है।
बता दें कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मामला सबसे पहले मई के पहले सप्ताह में ही गुजरात में सामने आया था। एक मई को गुजरात में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का भंडाफोड़ हुआ था। उसके पांच दिन बाद ही 6 मई की देर रात गुजरात पुलिस ने जबलपुर के आधारताल क्षेत्र से सपन जैन को गिरफ्ता किया। सपन से हुई पूछताछ के बाद ओमती पुलिस ने 9 मई को सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत मोखा व इसी अस्पताल में काम कने वाले देवेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसके पश्चात जैसे जैसे जांच बढ़ती गई, एक के बाद एक आरोपी सामने आते गए। धीरे-धीरे 9 और आरोपी सामने आए। सिटी हॉस्पिटल के संचालक का पूरा परिवार जांच के घेरे में आया। सरबजीत सिंह मोखा को एनएसए के तहत निरुद्ध किया गया।
City Hospital
जांच में पता चला कि जबलपुर में कुल 500 इंजेक्शन आए थे, जिसमें से 23 व 27 अप्रैल को अम्बे ट्रांसपोर्ट के माध्यम से 465 इंजेक्शन सिटी अस्पताल में पहुंचे तो 35 इंजेक्शन सपन जैन ने रख लिए। सिटी अस्पताल में 171 मरीजों को कुल 209 इंजेक्शन लगाए गए थे। इसमें 9 लोगों की मौत हुई है। चार नकली इंजेक्शन एसआईटी ने जब्त किए तो 196 के लगभग टूटी शीशियां भी जब्त की गईं जिन्हें मोखा परिवार ने तोड़वा दिया था। सिटी हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के बयान और बिल को भी एसआईटी ने अपने कब्जे में लिया जिन्हें अब चालान के साथ संलग्न किया जा रहा है।
इस बहुचर्चित फर्जीवाड़े के खेल में एसआईटी ने सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सहित कुल 11 आरोपी बनाए हैं। साथ ही एसआईटी ने इस मामले में करीब 100 लोगों को गवाह बनाया है। गुजरात पुलिस ने इंजेक्शन की जांच कराई जिसमें इस नकली इंजेक्शन में नमक और ग्लूकोज मिले होने की पुष्टि हुई। इस रिपोर्ट को भी चालान के साथ संलग्न किया गया है। बताया जा रहा है कि शनिवार तक एसआईटी इस बहुचर्चित केस में चालान पेश करने की तैयारी में हैं।
उधर, गुजरात पुलिस नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में चालान पेश कर चुकी है। वहां के प्रकरण में भी सरबजीत सिंह मोखा सहित कुल 47 आरोपी बनाए गए हैं। गुजरात पुलिस ने जबलपुर के सरबजीत मोखा, सिटी अस्पताल के दवा कर्मी देवेश चौरसिया, भगवती फार्मा के सपन जैन और रीवा के सुनील मिश्रा को भी आरोपी बनाया है।
गुजरात पुलिस के बाद अब जबलपुर की एसआईटी भी चालान पेश करने की तैयारी में है। जबलपुर पुलिस ने इस प्रकरण को जघन्य मामले में चिन्हित कर रखा है। इस कारण चालान पेश करने से पहले जिला अभियोजन अधिकारी भी इस पर नजर डाल रहे हैं। एसआईटी प्रभारी एएसपी रोहित काशवानी सहित पूरी टीम हर बारीकियों पर नजर रखे हुए हैं, ताकि चालान में कहीं कोई कमी या त्रुटि न रह जाए।
एसआईटी ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का रैपर बनाने वाले महाराष्ट्र सीमा से सटे दक्षिणी गुजरात के वापी जिले का रहने वाले नागूजी उर्फ नागेश सहित सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत मोखा, उसकी पत्नी जसमीत कौर, मैनेजर सोनिया खत्री, दवाकर्मी देवेश चौरसिया, बेटा हरकण सिंह मोखा, भगवर्ती फार्मा का संचालक जबलपुर निवासी सपन जैन, उसका मित्र इंदौर में एमआर राकेश मिश्रा, फार्मा फैक्ट्री से इंजेक्शन खरीदी के सौदे में बिचौलिया रीवा निवासी सुनील मिश्रा और फार्मा कंपनी के डायरेक्टर पुनीत शाह और कौशल वोरा को आरोपी बनाया है।
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