बता दें कि गुजरात पुलिस ने नकली रेमडेसिविर बनाने वाले कौशल बोरा व पुनीत शाह को गिरफ्तार कर नकली इंजेक्शन के कारोबार का भांडाफोड़ किया था। उसी वक्त नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मामला सुर्खियों में आया। बताया गया कि सूरत निवासी कौशल बोरा व पुनीत शाह ने ही आदिनाथ डिस्पोजेबल कंपनी का पंजीयन करया था। आरोप है कि कंपनी के नाम पर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाकर देश के कई शहरों में बेच रहे थे। इसी कंपनी में निर्मित नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन जबलपुर के सिटी हॉस्पिटल तक पहुंचे थे। रायपुर के दवा कारोबारी ने भी उसी कंपनी से इंजेक्शन खरीदने का अनुबंध किया था।
आदिनाथ डिस्पोजेबल नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली वही कंपनी है जिसने जबलपुर के सिटी हॉस्पिटल में 500 से ज्यादा इंजेक्शन की आपूर्ति की थी। इसी मामले में सिटी हॉस्पिटल के निदेशक सरबजीत सिंह मोखा समेत उनका पूरा परिवार और अस्पताल के कई कर्मचारी जेल भेजे जा चुके हैं। सरबजीत पर रासुका भी तामील की गई है। हाल ही में मोखा को पुलिस ने रिमांड पर लिया था। रिमांड पर लिए जाने के बाद एसआईटी और पुलिस ने उससे पूछताछ की। उसी दौरान सरबजीत ने पुलिस से कहा था कि उसे पहले से यह जानकारी नहीं थी कि रेमडेसिविर इंजेक्शन नकली हैं। रायपुर के दवा कारोबारी ने भी पुलिस को यही बयान दिया है। अब रायपुर से जबलपुर स्थित सरबजीत सिंह मोखा के सिटी हॉस्पिटल तक इंजेक्शन की आपूर्ति हो गई लेकिन लोकल दवा कारोबारी तक इंजेक्शन नहीं पहुंच पाए।
इस बीच औषधि वाटिका मेडिकल कांप्लेक्स रायपुर स्थित डायमंड एजेंसीज के संचालक ने पुलिस को बताया कि कोरोना संक्रमण के गंभीर हालात के दौर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की बाजार में भारी कमी हो गई थी। इंजेक्शन के लिए तमाम मरीज व अस्पताल संचालक परेशान हो रहे थे, तभी उसे पता चला कि सूरत की आदिनाथ डिस्पोजेबल कंपनी इंजेक्शन की आपूर्ति कर रही है। ऐसे में उसने कंपनी के संचालक कौशल महेंद्र कुमार बोरा से इंजेक्शन की आपूर्ति के संबध में संपर्क साधा। इतना ही नहीं कौशल बोरा के एक बैंक एकाउंट में चार लाख और दूसरे में दो लाख, 80 हजार, चार सौ रुपये भी जमा कर दिए। इतना ही नहीं बैंक खातों में इंजेक्शन की आपूर्ति के लिए जमा धनराशि के एवज में आठ हजार,400 रुपये जीएसटी के भी जमा किए। कारोबारी का आरोप है कि पूरी रकम बैंक में जमा करने के बाद भी कंपनी ने इंजेक्शन नहीं भिजवाए।
काफी इंतजार के बाद भी इंजेक्शन की खेप नहीं मिली तो कारोबारी ने सूरत की कंपनी के संचालक से संपर्क करना चाहा लेकिन उसका मोबाइल बंद मिला। उसके बाद से कंपनी के संचालक से संपर्क नहीं हो पा रहा है। अब डायमंड एजेंसीज के संचालक का कहना है कि उसे नहीं पता था कि आदिनाथ डिस्पोजेबल कंपनी नकली रेमडेसविर इंजेक्शन का कारोबार कर रही है।