जबलपुर

आईसीयू में भर्ती करा देगा ये मावा पेड़ा और केसरिया दूध, अब कई हो चुके शिकार

आईसीयू में भर्ती करा देगा ये मावा पेड़ा और केसरिया दूध, अब कई हो चुके शिकार
 

जबलपुरOct 14, 2019 / 11:30 am

Lalit kostha

fake sweets

जबलपुर. शरद पूर्णिमा पर मावा पेड़ा की मांग के बीच रविवार सुबह खाद्य प्रशासन विभाग की टीम ने खोवामंडी में दबिश देकर मावा पेड़े की जांच की। शरद पूर्णिमा पर ज्यादा बिक्री के कारण मावा पेड़े में मिलावट की आशंका है। जांच के समय छह प्रतिष्ठानों में मावा पेड़े की गुणवत्ता संदिग्ध प्रतीत हुई। इनसे नमूने जब्त किए गए। दो प्रतिष्ठानों में केसर दूध की गुणवत्ता संदिग्ध मिली। इसका भी नूमना जांच के लिए भेजा गया है। एसडीएम आशीष पांडे के अनुसार मावा पेड़े की मांग ज्यादा होने के मद्देनजर उसकी गुणवत्ता की जांच के निर्देश दिए गए हैं।

छह प्रतिष्ठानों में छापा, मावा पेड़ा और केसर दूध की जांच, खाद्य सुरक्षा प्रशासन विभाग की खोवामंडी में कार्रवाई

खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमरीश दुबे के अनुसार खोवामंडी में छह प्रतिष्ठानों की जांच की गई। प्रमुख रूप से मावा पेड़े की गुणवत्ता को जांच के दायरे में रखा गया। इस दौरान समैया डेरी, श्रीराम डेरी मावा पेड़ा, दशरथ जैन और लालचंद जैन के प्रतिष्ठान में मावा पेड़े की जांच कर नमूने जब्त किए गए। बाहुबली दूध भंडार और महावीर दूध भंडार केसर दूध व मावा पेड़ा के नमूने अलग-अलग लिए गए हैं। जब्त नमूनों को भोपाल स्थित प्रयोगशाला भेजा जा रहा है।

जब तक आएगी रिपोर्ट, हजम हो चुके होंगे पेड़े
खाद्य सामग्री के नमूनों की जांच में होने वाली देरी से इस कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय स्तर पर खाद्य सामग्री की जांच के लिए सरकारी सुविधा नहीं है। मावा पेड़े के नमूने भोपाल भेजे गए हैं। वहां से रिपोर्ट करीब एक पखवाड़े बाद मिलती है। मावा पेड़े का इस्तेमाल शरद पूर्णिमा के अवसर पर रविवार को होगा। एक पखवाड़े बाद जब तक रिपोर्ट आएगी, पेड़े बिक चुके होंगे। मिलावट और अमानक होने की पुष्टि होती है, तो उपभोक्ता को खाद्य सामग्री के सेवन से होने वाला नुकसान हो चुका होगा।

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