मप्र हाईकोर्ट ने बलात्कार का झूठा मुकदमा दर्ज कराने के लिए सागर जिले की युवती को जोरदार फटकार लगाई। जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल बेंच ने कहा कि शिकायतकर्ता युवती ने झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई, इसलिए वह मुआवजे के रूप में प्राप्त देश के करदाताओं से एकत्र राशि रखने की अधिकारी नहीं है। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट युवती से मुआवजे की रकम वापस लेने के लिए उचित आदेश पारित करेगी।
जबलपुर
Published: May 21, 2022 10:40:05 pm
हाईकोर्ट ने कहा ट्रायल कोर्ट शिकायतकर्ता युवती से मुआवजा वापस लेने के लिए जारी करेगी आदेश, सागर का मामला
जबलपुर।
मप्र हाईकोर्ट ने बलात्कार का झूठा मुकदमा दर्ज कराने के लिए सागर जिले की युवती को जोरदार फटकार लगाई। जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल बेंच ने कहा कि शिकायतकर्ता युवती ने झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई, इसलिए वह मुआवजे के रूप में प्राप्त देश के करदाताओं से एकत्र राशि रखने की अधिकारी नहीं है। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट युवती से मुआवजे की रकम वापस लेने के लिए उचित आदेश पारित करेगी।
सागर जिले के सुर्खी थानांतर्गत निवासी बबलेश पटेल की ओर से यह दूसरी जमानत की अर्जी प्रस्तुत की गई। अधिवक्ता कमलेश सिंह राजपूत ने कोर्ट को बताया कि आवेदक के खिलाफ झूठा बलात्कार का केस दर्ज कराया गया। वह 3 नवम्बर 2021 से जेल में है। जबकि 23 मार्च 2022 को शिकायतकर्ता युवती की इस मामले में ट्रायल कोर्ट के समक्ष गवाही हो गई। इसमे उसने स्पष्ट किया कि उसके साथ बलात्कार नहीं हुआ। बल्कि काम को लेकर आरोपी से शिकायतकर्ता युवती का झगड़ा हुआ था। इस पर उसने अन्य साथियों के कहने पर थाने में यह रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। अधिवक्ता राजपूत ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता के मामा और नानी ने भी अदालत में ऐसी किसी घटना से इनकार किया।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने माना कि शिकायतकर्ता युवती ने झूठी रिपोर्ट लिखाई। इस मामले में उसे सरकार की ओर से पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत मुआवजा दिया गया, वह गलत था। कोर्ट ने आवेदक की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए निर्देश दिए कि ट्रायल कोर्ट को मुआवजे की वसूली के लिए आवश्यक आदेश जारी करेगा।
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