अधिवक्ता कमलेश सिंह राजपूत ने कोर्ट को बताया कि आवेदक के खिलाफ बलात्कार का झूठा केस दर्ज कराया गया। वह 3 नवम्बर 2021 से जेल में है। 23 मार्च 2022 को शिकायतकर्ता युवती की इस मामले में ट्रायल कोर्ट के समक्ष गवाही हो गई। इसमें उसने स्पष्ट किया कि उसके साथ बलात्कार नहीं हुआ। बल्कि, काम को लेकर आरोपी से शिकायतकर्ता युवती का झगड़ा हुआ था। इस पर उसने अन्य साथियों के कहने पर थाने में यह रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। अधिवक्ता राजपूत ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता के मामा और नानी ने भी अदालत में ऐसी किसी घटना से इनकार किया।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने माना कि शिकायतकर्ता युवती ने झूठी रिपोर्ट लिखाई। इस मामले में उसे सरकार की ओर से पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत मुआवजा दिया गया, वह गलत था। कोर्ट ने आवेदक की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए निर्देश दिए कि ट्रायल कोर्ट को मुआवजे की वसूली के लिए आवश्यक आदेश जारी करेगा।
डुमना नेचर पार्क में फीस लेकर चेंजिंग रूम उपलब्ध नहीं कराया, नगर निगम दे हर्जाना
जबलपुर. जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने नगर निगम को डुमना नेचर पार्क में प्री-वेडिंग शूट के लिए आए युगल को चेंजिंग रूम उपलब्ध नहीं कराने के लिए सेवा में कमी का दोषी पाया। कोर्ट ने नगर निगम पर पांच हजार रुपए का हर्जाना लगाया। आयोग के अध्यक्ष केके त्रिपाठी एवं सदस्य योमेश अग्रवाल व अर्चना शुक्ला की बेंच ने परिवादी को हुए मानसिक कष्ट और वादव्यय के लिए भी पांच हजार रुपए अदा करने के निर्देश दिए।