मामले में इंदौर के दवा कारोबारी का नाम आया सामने
एसआइटी की जांच में इंदौर में दवा का कारोबार करने वाले राकेश शर्मा का नाम सामने आया है। जांच में खुलासा हुआ कि राकेश जबलपुर का रहने वाला है। रीवा निवासी सुनील मिश्रा ने सपन जैन से इंजेक्शन का सौदा किया था। जिसके बाद सपन ने राकेश के माध्यम से सुनील को 15 लाख रुपए भिजवाए। इसके बाद ओमती थाने में दर्ज मामले में राकेश को भी आरोपी बनाया गया है। सुनील मिश्रा को मामले में पूर्व में ही आरोपी बनाया जा चुका है। गुजरात पुलिस और इंदौर पुलिस की आंखों में धूल झोंकने में राकेश कामयाब हो गया था, लेकिन उसकी कलई जबलपुर एसआइटी की जांच में खुल गई।
हरकरण के इशारे पर देवेश ने भी नष्ट किए थे इंजेक्शन
सिटी अस्पताल के फार्मसिस्ट देवेश चौरसिया से पुलिस रिमांड के दौरान कबूला कि मोखा के बेटे और अस्पताल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल हरकरण ने उसे कुछ इंजेक्शन दिए थे। हरकरण ने अपने ही प्लॉट में उसे नष्ट करने के लिए कहा था। जिसके बाद देवेश ने हरकरण के कहने पर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कई शिशियां प्लॉट में तोडकऱ नष्ट की। जांच के दौरान पुलिस टीम ने देवेश की निशानदेही पर दो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन भी जब्त किए हैं। रिमांड खत्म होने के बाद बुधवार को उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। देवेश के इस खुलासे के बाद पुलिस ने हरकरण को भी मामले में आरोपी बनाया है।
भोपाल की साइबर एक्सपर्ट की टीम ने अस्पताल में की जांच
बुधवार को भोपाल से साइबर एक्सपर्ट की एक टीम जबलपुर पहुंची। यह टीम एसआइटी के साथ सिटी अस्पताल पहुंची। जहां टीम ने मोखा, हरकरण और सोनिया के चेंबरों में रखे कंप्यूटर व उनकी हार्ड ***** जब्त की। इसके उन कंप्यूटरों को भी जब्त किया, जिसमें अस्पताल में आने वाली सभी दवााओं व अन्य चीजों का लेखा-जोखा रहता है। यह टीम डिलीट हो चुके ईमेल भी जनरेट करेगी।
लाइसेंसी हथियार होने की भी जानकारी
एसआइटी को जांच के दौरान पता चला कि मोखा के परिवार में लाइसेंसी हथियार है। यह जानकारी लगने के बाद टीम ने कलेक्ट्रेट की शस्त्र शाखा को पत्र लिखा है और मोखा और उसके परिवार में किस-किस के नाम पर शस्त्र हैं, उनकी जानकारी मांगी है। यह जानकारी मिलते ही पुलिस शस्त्र लाइसेंसों को निरस्त कराने की कार्रवाई करेगी। इसके अलावा अस्पताल के कर्मचारियों से पूछताछ कर मोखा और उसके परिवार के विभिन्न बैंक एकाउंट की भी जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि उन्हें सीज किया जा सके।
100 से अधिक मरीजों को लगाए गए नकली इंजेक्शन
एसआइटी की जांच में खुलासा हुआ कि मोखा को सपन ने 465 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए थे। इनमें से 265 इंजेक्शनों को सोनिया के सुपुर्द किया गया था, वहीं नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन आते ही 200 इंजेक्शन कोविड वार्ड में भेज दिए गए थे। एसआइटी को जांच में पता चला है कि सौ से अधिक लोगों को यह नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए हैं।
इंजेक्शन जब्ती के लिए कई स्थानों पर दबिश
मोखा की पत्नी जसमीत और अस्पताल मैनेजर सोनिया की पुलिस रिमांड गुरुवार को खत्म होगी। उन्हें न्यायालय में पेश किया जाएगा। इसके पूर्व बुधवार को जसमीत और सोनिया को लेकर पुलिस रद्दी चौकी, अस्पताल परिसर और अन्य स्थानों पर पहुंची। जहां दोनों ने इंजेक्शनों की शिशियां फेंकने की बात कबूली थी। जानकारी के अनुसार दोनों की निशानदेही पर एसआइटी को कुछ नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन व उनकी शिशियां मिलीं हैं।
देवेश की निशानदेही पर अहम साक्ष्य एकत्र किए गए हैं। उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। जसमीत और सोनिया से पूछताछ जारी है।
सिद्धार्थ बहुगुणा, एसपी