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सिविल इंजीनियरिंग की मिसाल है ये बिल्डिंग, खासियत ऐसी की खिंचे आते हैं दुनियाभर के लोग

locationजबलपुरPublished: Sep 15, 2018 08:47:01 am

Submitted by:

Lalit kostha

सिविल इंजीनियरिंग की मिसाल है ये बिल्डिंग, खासियत ऐसी की खिंचे आते हैं दुनियाभर के लोग

famous civil engineering in india

famous civil engineering in india

जबलपुर। वैसे तो पूरी दुनिया में इंजीनियरिंग के एक से बढकऱ एक नमूने देखने मिल जाएंगे। जो श्रेष्ठतम कार्यों की जीवंत मिसाल हैं। लेकिन मप्र की बात करें तो सबसे पहले जबलपुर के इंजीनियरिंग का काम लोगों के जहन में आता है। यहां कुछ ऐसे उदाहरण मौजूद हैं जो शायद ही देश में कहीं देखने मिलते हों। शहर में शिलाओं का संतुलन देखने के लिए मदन महल की पहाडिय़ां श्रेष्ठ स्थल हैं। 11वीं सदी से लेकर मौजूदा दौर में इंजीनियर्स ने यहां इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना पेश किया है। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को बरकरार रखते हुए पत्थरों को तराशकर विशाल इमारतें बनाई गई हैं। इन्हें देखने के लिए दुनियाभर से पर्यटक आते हैं। इन इमारतों में अप्रतिम स्थापत्यकला भी देखने को मिलती है। इसी तरह आधुनिक इंजीनिरिंग की एक और सुंदर मिसाल है बरगी डैम। चार जिलों की सीमा में मौजूद जलाशय लाखों लोगों की प्यास बुझाने के साथ ही खेतों को भी हरा-भरा बनाता है।

news facts- बेजोड़ इंजीनियरिंग संस्कारधानी की पहचान, नायाब है हाइड्रो इलेक्ट्रिकल बरगी बांध

शक्तिभवन
08 दिसम्बर 1981 को निर्माण की आधारशिला रखी गई
एशिया की बेस्ट बिल्डिंग आर्किटेक्ट का मिला था अवॉर्ड
बिना लिफ्ट के एक ब्लॉक से 15 ब्लॉक में पहुंचना संभव
ऊबड़- खाबड़ पहाड़ी पर सलीके से बनाया गया है भवन
17 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण
43,500 वर्गमीटर में बना है भवन
19 अगस्त 1989 को शक्ति भवन (बिजली विभाग का मुख्यालय) अस्तित्व में आया

 

Famous Civil Engineers
मदन महल किला
11वीं शताब्दी में हुआ निर्माण
राजा मदन सिंह ने कराया था निर्माण
तत्कालीन शहर से 2 किलोमीटर की दूरी पर
पहाड़ी की चोटी पर स्थापत्यकला का बेजोड़ नमूना
वीरांगना रानी दुर्गावती के काल के वाच टॉवर के रूप में पहचान
आज भी मजबूती के साथ मौजूद किला शौर्य की गा रहा
है गाथा
Famous Civil Engineers

बरगी डैम
1968 में बनी थी परियोजना
1974 में शुरू हुआ निर्माण
566.74 करोड़ रुपए निर्माण लागत
1991 में बनकर तैयार
आरसीसी मैथड वाला हाइड्रो इलेक्ट्रिकल बांध
20 इंजीनियर्स की टीम ने मिलकर बनाया था प्रोजेक्ट

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