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पर्यटन परिपथ एक सूत्र में पिरोने की दरकारअतिथियों का सत्कार तो दूर रमणीय स्थलों में पीने का पानी न सिर पर छांव सुरक्षित परिवहन व ठहरने की सुविधा भी नहीं
लगातार घट रहे हैं विदेशी पर्यटक
सही प्लानिंग व सम्मिलित प्रयासों की कमी
भेड़ाघाट आने वाले पर्यटकों की संख्या ऐसे घटती गई-
2007, 15300,
2008, 13900,
2009, 14500,
2010, 14000,
2011, 12200,
2012, 13000,
2013, 13800,
2014, 14300,
2015, 19300,
2016, 15090,
2017, 15300,
2018, 13500,
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ठहरते नहीं विदेशी पर्यटक-
विदेशी पर्यटक यहां आते हैं, लेकिन स्थानीय पर्यटन स्थलों की ठीक ढंग से मार्के टिंग नहीं हो रही है। नतीजतन पर्यटक एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन से होकर कान्हा, बांधवगढ़, पन्ना, पेंच, खजुराहो व मैहर के लिए रवाना हो जाते हैं। पर्यटकों को यहां व्यवस्थित पैकेज सुलभ नहीं है, गाइड की भी कमी खलती हैे।
उपेक्षित पर्यटन स्थल –
-बैलेंसिंग रॉक
-देवताल की पवित्र झील
-विषकन्या की बावड़ी
-गोपालपुर व लम्हेटाघाट में स्थित 500 साल से ज्यादा पुराने मंदिर
-बौद्ध मठ(मुडिय़ामठ)
-भेड़ाघाट का गोलकीमठ विश्वविद्यालय का साधना केन्द्र चौसठयोगिनी मंदिर
-गोंडवाना साम्राज्य क ा ऐतिहासिक धरोहर मदनमहल किला
-ऐतिहासिक बाजनामठ मंदिर
इस पहल की दरकार-
-बरगी बांध, नर्मदा तट व तालाबों में वाटर स्पोर्टस गतिविधियों को बढ़ावा मिले
-परियट नदी में क्रोक ोडाइल पार्क का प्रोजक्ट पूरा हो
-मदनमहल की पहाडिय़ों में एसी हट व रोपवे का विकास
-मदनमहल किला, रानी दुर्गावती की समाधि स्थल के आसपास इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास
-डुमना नेचर पार्क से लगी निगम व वन विभाग की जमीन पर टाइगर सफारी
-बरगी हिल्स में पहाड़ी पर एसी हट व पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विकास
-साइंस सेंटर व तारामंडल के प्रोजेक्ट पर तेजी से काम
धार्मिक पर्यटन को भी मिले बढ़ावा-
जबलपुर से लगे 100 किलोमीटर से ज्यादा दायरे में पुण्यसलिला नर्मदा का विस्तार है। यहां धार्मिक पर्यटन विकास की प्रबल संभावना है। ग्वारीघाट के सिद्धकुं ड से लेकर प्राचीन मंदिर, तिलवाराघाट का शनि मंदिर, लम्हेघाट के प्राचीन मंदिर व शनिकुं ड, भेड़ाघाट के प्राचीन मंदिरों की पर्यटकों को जानकारी ही नहीं होती है। इतना नहीं त्रिपुरसुंदरी मंदिर, शहर में स्थित पवनसुत हनुमान की चार विशालकाय प्रतिमाएं, कं चनार मंदिर, पिसहनहारी की मढिय़ा, ऐतिहासिक दशहरा, यहां लगने वाले धार्मिक मेलों, ग्वारीघाट की नर्मदा महाआरती का भी ठीक ढंग से प्रमोशन नहीं किया गया।
पर्यटन स्थलों के आसपास अंतरराष्ट्रीय स्तर का इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की आवश्यकता है। पर्यटकों के लिए प्राकृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक स्थलों का समग्र पैकेज तैयार कर, परिवहन को सुलभ बना दिया जाए तो यहां भी पर्यटकों की आवक बढ़ेगी और पर्यटन कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।
– अनिल तिवारी, पूर्व सदस्य, पर्यटन विकास समिति