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शानदार प्रयोग, संस्थान के कबाड़ से बना दिया बेशकीमती फर्नीचर

locationजबलपुरPublished: Dec 02, 2022 07:44:51 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबलपुर के शासकीय प्रांतीय शिक्षा महाविद्यालय में नया प्रयोग

 

Furniture
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जबलपुर। शासकीय प्रांतीय शिक्षा महाविद्यालय में कबाड़ हो चुकी सामग्री को बेचने की बजाय उसका उपयोग किया जा रहा है। यहां लकडि़यों, दरवाजे, बल्लियों का उपयोग फर्नीचर, टेबिल कुर्सी से लेकर फ्रेम, चौखट बनाने में किया जा रहा है। कबाड़ से संस्थान ने 3.5 लाख से 4 लाख का फर्नीचर तैयार किया है।
सौ साल पुराना भवन
प्रांतीय शिक्षा महाविद्यालय जिसे अब इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडी इन एजुकेशन ( ईएएसई) के नाम से जाना जाता है। इस भवन की इमारत 100 साल पुरानी है। इस महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 1889 में की गई थी। दो मंजिल इस भवन में 20 बड़े व बीस छोटे कमरे हैं। बताया गया कि यहां फर्नीचर की उपयोगिता को ध्यान में रखकर यह पहल की गई है। यह भी कोशिश है कि कबाड़ हो रही लकड़ी का सही इस्तेमाल भी किया जा सके। इससे बाकी विभागों को भी सीखने का मौका मिलेगा।
छत को बनाया वर्कशॉप
कॉलेज के दो मंजिला भवन की छत को वर्कशॉप का रूप दिया गया है। शेड के नीचे वर्षों पुराने कबाड़ में अधिकांश लकडि़यां कीमती सागौन, शीशम की हैं। उसमें उपयोगी लकड़ी को अलग किया जाता है। इसके बाद उस हिस्से का उपयोग विभिन्न फर्नीचर बनाने में किया जाता है। संस्थान द्वारा 100 नई टेबिल का निर्माण किया गया है। साथ ही करीब 150 कुर्सियां शामिल हैं। कमरों में खराब पड़े पुराने 60 सोफासेट को सुधारकर तैयार किया गया है।
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