अफसर लोड बढऩे का कारण बता रहे हैं। जबकि ग्रामीण बिजली कम्पनी की लापरवाही, सुधारकार्य न करने के आरोप लगा रहे हैं। ग्रामीण के अलावा शहर में भी कई उपभोक्ता ऐसी समस्याए से जूझ रहे हैं। आधी रात को दे रहे बिजली: बिजली कम्पनी आधी रात को किसानों को बिजली दे रही है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में रात 10 बजे से रात 2 बजे तक बिजली दी जा रही है। किसानों की आपत्ति है कि आधी रात में काम करने न तो कोई मजदूर मिलता है, न ही खेतों में आवश्यक व्यवस्थाएं हो पाती हैं।
लोड शेङ्क्षडग भी शुरू: बिजली संकट को लेकर बिजली कम्पनी ने लोड शेङ्क्षडग भी शुरू कर दी है। मझौली, कुंडम, बरगी के कई इलाकों में 2 से 3 घंटे की गुपचुप विद्युत कटौती की जा रही है।
75 हजार किसान
सूत्रों के अनुसार जिले में दो लाख से अधिक ग्रामीण बिजली उपभोक्ता हैं। इसमें 75 हजार कृषि उपभोक्ता हैं। गांवों में मुश्किल से 3 से 5 घंटे ही बिजली किसानों को उपलब्ध हो रही है।
ग्रामीणों को दोयम दर्जे का समझ लिया गया है। गांवों में बिजली का संकट व्याप्त है। यदि इसमें सुधार नहीं हुआ तो सभी क्षेत्रीय कार्यालयों सहित बिजली मुख्यालय शक्ति भवन का भी घेराव किया जाएगा।
- संजय यादव, विधायक बरगी
मझौली, पाटन, शहपुरा आदि क्षेत्रों के गांवों में बिजली की बुरी स्थिति है। किसानों को बिजली टुकड़ों-टुकड़ों में मिल रही है, वह भी कुछ घंटों के लिए। पानी के अभाव में फसलें सूखने की स्थिति में आ गई हैं।
- ब्रजेश अरजरिया, किसान
लाइनों का मैटेंनेस नहीं किया जा रहा है। ट्रांसफार्मर खराब हो जाते हैं। कृषि फीडरों में 10 घंटे में
से 5 घंटे भी बिजली नहीं दी जा रही है।
- केके अग्रवाल, अध्यक्ष भारत कृषक समाज