जबलपुर। नर्मदा बेसिन, परियट, हिरन नदी के कछार और जबलपुर जिले के शहपुरा, पाटन में हजारों हेक्टेयर में सब्जियों की बोवनी की गई है। लौकी, टमाटर, बैंगगन, गोभी का भरपूर उत्पादन हो रहा है। लेकिन, लॉकडाउन के कारण मंडियां बंद होने से किसानों को सब्जियों के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। वाहनों के पहिए थमे होने से उपज को अस्थायी मंडियों तक लाने में परेशानी हो रही है। इसलिए कई किसान लौकी, टमाटर मवेशियों को खिलाने को मजबूर हैं। कुछ स्थानों पर किसानों ने फसल ही उखाड़ दी है।
सुनाचर गांव के किसानों लक्ष्मण पटेल और देवेंद्र पटेल ने तीन एकड़ में लौकी लगाई है। अस्थायी मंडी में सही कीमत नहीं मिलने से भाड़ा भी नहीं निकल रहा है। ऐसे में वे मवेशियों को लौकी खिला रहे हैं। रामघाट पिपरिया के किसान किशोरी मल्लाह ने टमाटर लगाया है। उन्होंने बताया सामान्य दिनों में एक कैरेट टमाटर 250-300 रुपए में बिकता था। वर्तमान में 70-80 रुपए मिल रहे हैं। यहीं के किसान दशरथ कुमार ने कीमत नहीं मिलने पर आधा एकड़ में लगाई गई ककड़ी की फसल उखाड़ दी है।
कोरोना संकट के कारण सब्जी मंडियां बंद है। किसानों को उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है। ऐसे में कोल्ड स्टोरेज की कमी खल रही है। हालांकि आलू-प्याज के किसानों ने उपज को घरों में सुरक्षित रखा है। उद्यानिकी विभाग के उप संचालक एसबी सिंह ने बताया कि जिले में हरी सब्जियों का वृहद स्तर पर उत्पादन हो रहा है। सब्जी उत्पादकों को जिला प्रशासन के माध्यम से पास उपलब्ध कराए जा रहे है। मंडियां बंद होने से उपज की सही कीमत नहीं मिल रही है।