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तेजी से बढ़ रहे मच्छर, वीआईपी क्षेत्रों से बाहर नहीं निकल रहीं फॉगिंग मशीनें

locationजबलपुरPublished: Feb 25, 2020 12:27:06 am

Submitted by:

deepankar roy

शहर में मंडरा रहा बीमारियों का खतरा, शुरुआती लापरवाही बदलते मौसम में लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ सकती है भारी

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जबलपुर. मौसम करवट ले रहा है। सर्दी कम होते ही मच्छर बढऩे लगे हैं। इसके साथ ही बीमारियों का खतरा बढऩे लगा है। लेकिन, मच्छर मारने के लिए फॉगिंग मशीनें वार्डों में नहीं पहुंच रही हैं। सर्दी की विदाई और गर्मी की दस्तक के इस दौर में तापमान का उतार-चढ़ाव लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित करता है। ऐसे में मच्छरों पर काबू नहीं पाए जाने से कई संक्रमण बेकाबू हो सकते हैं।

वीआइपी क्षेत्र तक सीमित मशीन

शहर में अभी 79 वार्ड है। नगर निगम इन सभी वार्डों में फॉगिंग मशीन चलाने का दावा करता है। लेकिन, हकीकत ये है कि फॉगिंग मशीन वीआइपी क्षेत्र से बाहर ही नहीं निकल पा रहीं। सिविल लाइंस, पचपेढ़ी क्षेत्र में मशीन लगातार चल रही है। लेकिन, शहर के बाकी हिस्सों में मशीन नहीं पहुंच रही है। किसी भी वार्ड में एक बार फॉगिंग होने के बाद मशीन एक डेढ़ महीने बाद ही दोबारा वहां पहुंचतीं।

तेजी से पनपते हैं मच्छर

शहर में अभी दिन में हल्की गर्मी और रात को हल्की ठंड रहती है। यह समय मच्छरों के पनपने के अनुकूल होता है। सामान्य रूप से मच्छरों की उम्र 15 से 20 दिन मानी जाती है। लेकिन, निगम की फॉगिंग मशीन के नियमित फेरे नहीं लगाने से ज्यादातर क्षेत्रों में दवा का धुआं नहीं हो रहा है। 30-40 दिन में एक बार फॉगिंग मशीन चलने से मच्छरों का लार्वा तेजी से बढ़ जाता है। मच्छरों पर नियंत्रण मुश्किल होने से बीमारी फैल जाती है। इन आशंकाओं के बावजूद मच्छरों को मारने के लिए दवा का उपयोग अभी नियमित नहीं हो रहा है। इन सब के बीच एडीज मच्छर के लार्वा संक्रमण को खतरनाक बना सकते हैं।

 

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