एक-एक सैकड़ा वाहनों की कतार
जानकारी के अनुसार पीक अवर्स में एक सैकड़ा और कई बार इससे अधिक वाहनों की कतार लग जाती है। जबकि, वाहनों के लिए चार लेन हैं। ऐसे में यदि कोई फास्टैग वाला वाहन वहां पहुंच जाए, तो उसे भी कतार में लगना पड़ता है।
प्रतिदिन 30 से 40 टैग
सिहोरा स्थित टोल प्लाजा से रोजाना आठ से दस हजार छोटे-बड़े वाहन आते-जाते हैं। रोजाना यहां महज 30 से 40 फास्टैग ही बनते हैं।
प्रायवेट बैंककर्मी है तैनात
जानकारी के अनुसार कटनी के एक प्रायवेट बैंक का कर्मचारी रोजाना टोल प्लाजा पर बैठता है। इस दौरान यदि कोई फास्टैग बनवाने की बात कहे, तो यह कर्मचारी उनके फास्टैग बनाता है। जानकारी के अनुसार टोल प्लाजा के कर्मचारियों द्वारा किसी से फास्टैग बनवाने के बारे में नहीं पूछा जाता। शाम होने के बाद यह कर्मचारी चला जाता है, जिस कारण रात के वक्त यहां फास्टैग नहीं बनाए जाते।
इन दस्तावेजों की आवश्यकता
वाहन का रजिस्ट्रेशन
फास्टैग बनवाने वाले का पहचान पत्र
सभी लेन हो गईं कैश
कुछ समय पूर्व एनएचएआई के अफसरों ने दावा किया था कि एक लेन को छोड़कर बाकी सभी लेन को फास्टैग लेन बना दिया गया है, लेकिन सिहोरा टोलनाका की स्थिति इससे अलग है। यहां जितनी भी लेन हैं, सभी से कैश लेन हैं।