वीरेंद्र रजक@जबलपुर। विश्व प्रसिद्ध भेड़ाघाट समेत बरगी डेम, चौंसठ योगनी समेत कई अन्य पर्यटन स्थल देखने के लिए रोजाना सैकड़़ों पर्यटक शहर आते हैं। वे किराए से टैक्सी लेते हैं, तो उन्हें प्रतिदिन दो से तीन हजार रुपए चुकाने पड़ते हैं। ऐसे में यदि कोई पर्यटक अकेला शहर आया, तो उसे भी इतने की ही चपत लगती है। लेकिन, सेल्फ राइड बाइक और सेल्फ ड्राइव कार मिलने से पर्यटकों को आर्थिक रूप से भी फायदा हो रहा है।
बाहर से आने वाले व्यापारियों, पर्यटकों और छात्र छात्राओं के लिए साबित हो रही उपयोगी
बड़े शहरों की तर्ज पर शहर में मिल रहीं सेल्फ राइड रेंटल बाइक-कार

यहां मिल रही रेंटल बाइक
रेलवे प्लेटफार्म क्रमांक एक, दीनदयाल चौक, सदर समेत अन्य स्थान
छात्र छात्राओं और अन्य को सुविधा
शहर में कई शैक्षणिक संस्थान हैं, इसके अलावा सेना के कई बड़े संस्थानों के साथ ही आयुध निर्माणियां भी हैं। इसके अलावा शहर महाकौशल का सबसे बड़ा बाजार भी है। रोजाना हजारों की संख्या में इन संस्थानों से जुड़े कामों से भी लोग शहर आते हैं, ऐसे में उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में काफी समस्या होती है। उक्त लोगों के लिए यह सुविधा काफी कारगर साबित हो रही है। रेंटल कार और बाइक देने का काम करने वालों ने वाहनों में जीपीएस लगवाया है। इससे वाहन जहां भी आता जाता है, इसकी पूरी जानकारी संचालक को होती है। वाहन निर्धारित घंटो के आधार पर रेंट पर दिया जाता है।
संस्कारधानी में रेंटल सेल्फ राइड बाइक, मोपेड और सेल्फ ड्राइव कार की शुरूआत एक अच्छी पहल है। पर्यटन के माध्यम से युवाओं को रोजगार भी मिल रहा है।
- विनोद गोटिया, अध्यक्ष, मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम
मेरी गाड़ी खराब हो गई थी। मुझे पत्नी के साथ बरगी जाना था। रेलवे स्टेशन पर रेंट पर सेल्फ राइड बाइक मिलने की जानकारी लगी, तो वहां से बाइक लेकर पर्यटन के लिए गया था।
- प्रिंस जैन, व्यापारी