जबलपुरPublished: Jun 05, 2020 12:14:08 am
shyam bihari
जबलपुर में विधायक विनय सक्सेना ने खाली किया सरकारी कार्यालय
neta
जबलपुर। मप्र में सरकार जाने के बाद जबलपुर शहर के कुछ कांग्रेसी विधायकों में अंदरखाने की राजनीति गर्म बीच-बीच में गर्म हो जाती है। यहां पर फिलहाल सरकारी बंगले छोडऩे और पकड़े रहने की चर्चा है। यह तो कहा ही जा रहा है कि मध्यप्रदेश में सरकार बदलने के बाद बंगले खाली कराने की राजनीति चल रही है। पूर्वमंत्री को वनविभाग व सीसीएफ ने बंगला खाली करने पत्र लिखा है। उधर, कांग्रेस के ही विधायक विनय सक्सेना ने नगर निगम की ओर से आवंटित राइट टाउन स्थित सरकारी आवास को खाली कर दिया। कार्यालय राइट टाउन स्थित इलाहाबाद बैंक के सामने शिफ्ट हो गया है। विधायक सक्सेना ने कहा कि उनकी प्राथमिकता जनसेवा है। इसके लिए सरकारी आवास आवाश्यक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे सतही राजनीति में नहीं पडऩा चाहते। आवास उन्हें निजी उपयोग के लिए नहीं बल्कि विधानसभा क्षेत्र की जनता की सुविधा के हिसाब से आवंटित किया गया था।
अब सीसीएफ ने भी लिखा बंगला खाली करने के लिए पत्र
जबलपुर के ब्योहारबाग स्थित प्रदेश शासन के पूर्व कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया के बंगले को खाली कराने के लिए डीएफओ के बाद अब सीसीएफ ने पत्र लिखा है। पत्र मिलने के बाद घनघोरिया को कमिश्नर महेशचंद्र चौधरी से मिले। उन्होंने कहा कि शासन उन्हें उनकी विधानसभा क्षेत्र में दूसरी जगह बंगला आवंटित करे, नहीं तो चार से छह महीने का समय दिया जाए। ताकि, नई व्यवस्थाएं की जा सकें। कमिश्नर ने उनके प्रस्ताव को शासन तक पहुंचाने की बात कहीं। जानकारी के अनुसार सीसीएफ से पहले डीएफओ ने उनके विभाग का बंगला खाली करवाने के लिए पत्र लिखा था। उस समय भी घनघोरिया कमिश्नर से मिले थे। उन्होंने उस दौरान भी दूसरी जगह बंगला आवंटित करने की बात कही थी। घनघोरिया ने कमिश्नर चौधरी से भेंट में कहा कि जैसे ही दूसरी जगह आवंटन हो जाएगा वे शिफ्ट कर जाएंगे, तब तक इसे खाली नहीं कराया जाए। लेकिन, सक्सेना के कदम से अब घनघोरिया पर भी राजनीतिक दबाव बढ़ गया है। कुछ कांग्रेसी ही कह रहे हैं कि अब तो उन्हें बंगला खाली देना चाहिए। ताकि, भाजपा के आरोपों से बचा जाए।