scriptकुछ तो सख्ती दिखाई, आखिरकार मिलर्स को लौटाया घटिया चावल | finally the poor rice was returned to the millers | Patrika News

कुछ तो सख्ती दिखाई, आखिरकार मिलर्स को लौटाया घटिया चावल

locationजबलपुरPublished: Sep 20, 2020 08:11:01 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबलपुर जिले की राशन दुकानों में खराब चावल भेजने का मामला, हीलाहवाली पर दर्ज होगी एफआइआर
 

कुछ तो सख्ती दिखाई, आखिरकार मिलर्स को लौटाया घटिया चावल

rice godam

यह है स्थिति
– कृषि उपज मंडी, रिछाई, पाटन सहित अन्य गोदाम थे सील।
– 17 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा मिला था चावल।
– 35 से 40 राइस मिलर्स का चावल गोदामों में रखा।
– अमानक चावल वापस कर मानक कराया जाएगा जमा।
– क्वालिटी इंस्पेक्टर को हटाकर दूसरी जगह भेजा।

जबलपुर। राशन दुकानों के लिए जबलपुर जिले के गोदामों में रखे अमानक चावल को लेकर मिलर्स और क्वालिटी इंस्पेक्टर (क्यूआइ) पर कार्रवाई तेज हो गई है। सील गोदामों को खोलकर मिलर्स को घटिया चावल वापस ले जाकर खाने योग्य चावल लाने के निर्देश नागरिक आपूर्ति निगम ने दिए हैं। हीलाहवाली करने पर एफआइआर दर्ज करने की चेतावनी दी गई है। इस बीच जिन क्यूआइ की ड्यूटी सम्बंधित गोदामों में थी, उन्हें वहां से हटा दिया गया है। उनकी जगह नए क्यूआइ पदस्थ किए जाएंगे। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) ने जांच में इन गोदामों में रखे चावल को अमानक घोषित किया था। यह इतना घटिया था कि इन्हें जानवरों के खाने की श्रेणी में रखा था। इसकी मात्रा तकरीबन एक लाख 17 हजार मीट्रिक टन थी। रिपोर्ट सामने आने के बाद जिन गोदामों में घटिया चावल रखा था, उन्हें सील कर दिया गया था। इतनी बड़ी लापरवाही पर भी किसी मिलर्स पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई।
शासन को भेजी गई पूरी रिपोर्ट
इस बीच मप्र नागरिक आपूर्ति निगम ने एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। इसमें किस गोदाम में कितना अमानक चावल था। किस मिलर्स के द्वारा इसे जमा किया गया। उसकी मात्रा कितनी थी। वहीं उस समय क्वालिटी इंस्पेक्टर से लेकर जिला प्रबंधक कौन था। यह तमाम जानकारी भेजी गई है। माना जा रहा है कि जिम्मेदारों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। जिले में 35 से 40 राइस मिलर्स हैं जो कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत धान से चावल बनाने का काम करते हैं। वे जितनी धान गोदाम से उठाते हैं, उसके अनुपात में चावल जमा कराते हैं। जिले की 995 से ज्यादा राशन दुकानों में अभी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत केवल गेहूं बांटा जा रहा है। चावल के आवंटन पर रोक लगा दी गई है। लगभग पूरा चावल ही मिलर्स को वापस कर दिया गया है। ऐसे में जब तक वे मानक स्तर का चावल लाकर वापिस गोदामों में जमा नहीं कराते, उसका उठाव नागरिक आपूर्ति निगम (नान) ने मना कर दिया है। इससे जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को चावल नहीं दिया जा रहा है। पीडीएस के तहत प्रत्येक सदस्य को चार किलो गेहूं एवं एक किलो चावल देने का प्रावधान है। मप्र नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक अरविंद जैन ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर जिले के सील गोदामों को खोल दिया गया है। इनमें जो अमानक चावल रखा गया था उसे मिलर्स को वापस किया जा रहा है। इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो