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खाक में मिलीं सैकड़ो लक्जरी कारें, दहल गए देखने वाले

locationजबलपुरPublished: Apr 14, 2019 06:40:09 pm

Submitted by:

virendra rajak

क्यों और कहां हुआ ऐसा, जानें इस खबर में

जबलपुर, सैकड़ो लक्जरी कारें चंद पलों में एेसे खाक हुई, एेसे कोई तिनके में आग लगी हो। कभी सड़के पर दौड़ते वक्त उनमें अचानक आग भड़क उठी, तो कभी घर के गैराज में खड़े खड़े। यदि आपके पास कार है, तो यह खबर आपसे जुड़ी हुई है। यह खबर आपको बताएगी कि गर्मी के दिनों में कैसे आप अपनी कार में आग लगने से बचा सकते हैं
लगातार बढ़ रहा तापमान कारों के लिए मुसीबत साबित हो सकता है। खासकर वे कारें, जो एलपीजी या सीएनजी से चलती हैं। इतना ही नहीं एलपीजी से चलने वाले सारे तीन पहिया और चार पहिया वाहन भी खतरे की कगार पर है। क्योंकि गर्मी के दिनों कारों में आग लग जाती है। कभी यह घटना किसी चूक के कारण होती है, तो कभी कार में लगे उपकरणों के कारण। पिछले वर्ष एेसे कई मामले सामने आए, जिनमें गर्मी के दिनों में अचानक कार में आग भड़क उठी और कार जलकर खाक हो गई। चालकों जान भी जाते-जाते बची। कारों में आग लगने के पीछे की मुख्य वजह कार की वायरिंग में शार्ट सर्किट है। हाल ही में हुई घटनाओं के बाद जब मैकेनिक्स और इंजीनियर्स ने उनकी जांच की, तो यही वजह निकलकर सामने आई।
तापमान है आग लगने का कारण
मोटर मैकेनिक कादिर ने बताया कि कई कारों में लगने वाली वायर पतली होती है। टेम्प्रेचर के साथ बोनट गर्म होता है, जिसका असर वायर की प्लास्टिक पर पड़ता है और वह पिघल जाती है। इसके बाद यदि वह दूसरी वायर के संपर्क में आए, तो स्पार्र्किंग होने लगती है और इंजन पर लीक पडी डीजल या पेट्रोल की परत में आग लग जाती है। इंजन में आग लगने के कारण कार के भीतर का हिस्सा काफी तेजी से प्रभावित होता है, क्योंकि वायरों के जरिए आग तत्काल कार के भीतर पहुंच जाती है।
आईएसबीटी के पास कार में लगी थी आग
दो से ढ़़ाई सप्ताह पूर्व आईएसबीटी के पास एक चलती कार में आग लग गई थी। यह कार पाटन थाने में पदस्थ महिला एसआई के भाई की थी। हादसा उस वक्त हुआ था, जब युवक महिला एसआई से मिलकर लौट रहे थे।
वर्ष-कार में आग लगने के मामले
२०१५-१२
२०१६- १६
२०१७- १७
२०१८- २१
इन कारणों के कारण हादसे
परफ्यूम:-परफ्यूम को कार की सुगंध के लिए लगाया जाता है, लेकिन हवा के साथ घुलने वाले इसके रसायन आग भड़का सकते हैं। कई बार कार में परफ्यूम की सुगंध फैली होती है, इसी दौरान यदि कोई चिंगारी उसके संपर्क मे आ जाए, तो आग भड़क उठती है।
कार में रखा ज्वलनीशल पदार्थ:- कई बार कार में ज्वलनशील पदार्थ जैसे माचिस, कागज, टीशू पेपर आदि रखे होते हैं। अधिक तापमान के कारण जब ये धूप के संपर्क में आते हैं, तो इनमें आग लगने की संभावना तापमान के साथ बढ़ती जाती है।
हीटर का गर्म होना:- जब एसी चलाया जाता है, तो मशीन गर्म होती है। इसका असर हीटर पर भी पड़ता है। एेसे में हीटर पाइप के पास यदि टीशू पेपर या कागज रखा हो, तो आग लगने की संभावना बढ़ जाती है।
गैस किट:- कई कारों मंे गैस किट लगी होती है। इनमें चालकों द्वारा एलपीजी डलवाई जाती है। यदि यह लीक हो जाए, तो कार में आग लगने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
बैटरी या हार्न में स्पार्र्किंग:- कई बार बैटरी या हार्न में तार सही ढंग से न जुड़े होने के कारण उनमें स्पार्र्किंग होती है। जिस कारण आग लग जाती है।
इंजन पर जमी परत:- इंजन में डीजल या पेट्रोल लीक होता है, तो उसकी एक परत मिट्टी के साथ इंजन पर जम जाती है। एेसे में यदि इसे चिंगारी भी मिले, तो वह बड़ी आग का रूप ले लेती है।
बचाव के लिए ये करें
– अधिक तापमान होने पर कार को छांव में खड़ा करें।
– यदि आवश्यक न हो तो अधिक तापमान में कार को न ढंके।
– कार में परफ्यूम का प्रयोग लगातार न करें।
– माचिस, टीशू पेपर, कपड़ा आदि न रखें।
– कार की वायरिंग की समय-समय पर जांच कराएं।
– एसी व हीटर की नियमित जांच कराएं।
– इंजन के ऊपरी हिस्से की साफ-सफाई करते रहें।
– कार का कांच हमेशा थोड़ा खुला छोड़ दें।
– कार में हमेशा फायर फाइटर के उपकरण रखें।
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