इडीके में की दोहरी सुरक्षा समय रहते ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया (ओएफके) और ईडीके के फायर कर्मियों ने इसे आगे बढऩे से रोक दिया। स्थिति गंभीर होने पर ओएफके के वरिष्ठ महाप्रबंधक एके अग्रवाल भी मौके पर गए। उन्होंने दमकल विभाग को आग बुझने तक तत्परता बरतने के लिए कहा।
डुमना रोड पर जंगल में भड़की आग
सूत्रों ने बताया कि हवा तेज होने के कारण आग पलभर में पूरे जंगल में फैल गई। आग वेस्टलैंड स्थित मिलन मंदिर तक पहुंची और ईडीके टावर नम्बर पांच एवं सात के करीब पहुंच गई। सूचना पर ओएफके और ईडीके में तैनात फायर कर्मचारी चार वाहनों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले ईडीके पास की आग बुझाई।
सूत्रों ने बताया कि हवा तेज होने के कारण आग पलभर में पूरे जंगल में फैल गई। आग वेस्टलैंड स्थित मिलन मंदिर तक पहुंची और ईडीके टावर नम्बर पांच एवं सात के करीब पहुंच गई। सूचना पर ओएफके और ईडीके में तैनात फायर कर्मचारी चार वाहनों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले ईडीके पास की आग बुझाई।
ओएफके के वरिष्ठ महाप्रबंधक भी पहुंचे
बताया जाता है कि फैक्ट्री के दमकल विभाग के कर्मचारी सुबह से लेकर रात नौ बजे तक मौके पर डटे रहे। इसके बाद नाइट शिफ्ट के कर्मचारियों को वहां तैनात किया गया। घटना में कई एकड़ क्षेत्र के जंगल में पेड़-पौधे जलकर खाक हो गए। आग लगने का कारण पता नहीं चल सका है।
बताया जाता है कि फैक्ट्री के दमकल विभाग के कर्मचारी सुबह से लेकर रात नौ बजे तक मौके पर डटे रहे। इसके बाद नाइट शिफ्ट के कर्मचारियों को वहां तैनात किया गया। घटना में कई एकड़ क्षेत्र के जंगल में पेड़-पौधे जलकर खाक हो गए। आग लगने का कारण पता नहीं चल सका है।
देर रात तक मशक्कत के बाद पाया काबू
घटना को लेकर ओएफके प्रबंधन ने दोहरी सुरक्षा की नीति पर काम किया। ईडीके अतिसंवेदनशील जगह है। यहां पर मैग्जीन में बम एवं बारूद दोनों रखे जाते हैं। बताया जाता है कि आग रोकने के लिए एक टीम को चार वाहनों के साथ ईडीके के बाहर भेजी गई। सबसे पहले बाउंड्रीवॉल के पास पानी का छिड़काव किया, ताकि घास गीली हो जाए। उसके बाद आग को बुझाया गया। इसी तरह ईडीके भीतर भी दमकल वाहन को तैनात किया गया।
घटना को लेकर ओएफके प्रबंधन ने दोहरी सुरक्षा की नीति पर काम किया। ईडीके अतिसंवेदनशील जगह है। यहां पर मैग्जीन में बम एवं बारूद दोनों रखे जाते हैं। बताया जाता है कि आग रोकने के लिए एक टीम को चार वाहनों के साथ ईडीके के बाहर भेजी गई। सबसे पहले बाउंड्रीवॉल के पास पानी का छिड़काव किया, ताकि घास गीली हो जाए। उसके बाद आग को बुझाया गया। इसी तरह ईडीके भीतर भी दमकल वाहन को तैनात किया गया।