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सीमा के विवाद में उलझे वन अधिकारी, ग्रामीणों ने बुझाई जंगल की आग

locationजबलपुरPublished: Apr 30, 2018 12:18:34 pm

Submitted by:

amaresh singh

शहपुरा और पाटन रेंज के अधिकारी एक-दूसरे का परिक्षेत्र बताकर टाला मटोली कर रहे थे

Fire in the Forest latest news

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जबलपुर। बेलखेड़ा के समीप कैमोर पर्वत के जंगल में लगी आग से पेड़-पौधे झुलस रहे थे और वन विभाग के अधिकारी सीमा विवाद में उलझे थे। शहपुरा और पाटन रेंज के अधिकारी एक-दूसरे का परिक्षेत्र बताकर टाला-मटोली कर रहे थे। बरकाछार गांव के लोगों ने जब देखा कि बार-बार सूचना के बावजूद अधिकारी आगे नहीं आ रहे, तो ग्रामीणों ने खुद मोर्चा सम्भाला। गांव के लोग आग बुझाने में जुट गए और ग्रामीण क्षेत्र से लगे जंगल में आग बुझाई। जबकि दूसरी ओर भी झाडि़यों व सूखी पत्तियों में लगी आग पर काबू पा लिया गया।

पेड़ों के पत्ते व छोटे पौधे जलकर खाक हो गए
ग्रामीणों ने बताया कि पांच दिन से सुलग रही आग शनिवार रात बड़ी झाडि़यों व सूखी टहनियों को चपेट में लेने लगी थी। सूत्रों की मानें तो शहर मुख्यालय से ६० किलोमीटर दूर कैमोर पर्वत माला में लगी आग में ३० हेक्टेयर के लगभग क्षेत्र में पेड़ों के पत्ते व छोटे पौधे जलकर खाक हो गए। पर्वत माला पर लगभग ५०० हेक्टेयर में जंगल है। जबलपुर एसडीओ अमित सिंह चौहान ने बताया कि पहाड़ी पर लगी आग के मामले में जांच की जाएगी। जिसके रेंज में आग लगी है, उस रेंजर से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।

साख समिति के नाम पर लोगों से ठगी का मामला
साख समिति के नाम पर लोगों से समिति में रुपए जमा कराने और हड़प कर जाने वाले भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश संयोजक वीरेंद्र शर्मा के खिलाफ बरगी थाना पुलिस ने भी रविवार को धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया। पुलिस ने ठगी का शिकार हुए मनीष कुमार साहू की रिपोर्ट पर वीरेंद्र के खिलाफ एफआइआर दर्ज की। इससे पहले शनिवार को गोरखपुर पुलिस ने वीरेंद्र और उसकी पत्नी वंदना पर मामला दर्ज किया था। यहां भी उन पर रुपए हड़पने का आरोप था।

कई युवकों को एजेंट बनाया
पुलिस ने बताया, वीरेंद्र शर्मा ने बरगी पटेल मोहल्ला में किराए के मकान में हर्ष साख सहकारी समिति का दफ्तर खोला था। यहां उसने गांव के कई युवकों को एजेंट बनाया और उन्हें गांव के लोगों से समिति में रुपए जमा कराने के लिए कहा। उसने एजेंट बने युवकों को तनख्वाह और रुपए जमा करने वालों को नौ प्रतिशत मासिक ब्याज और १३ महीने बाद अच्छी रकम वापस करने की बात कही थी। वीरेन्द्र ने यहां कई लोगों से रुपए जमा कराए।

ताला लगाकर चम्पत हो गया
कुछ समय पहले दफ्तर में ताला लगाकर चम्पत हो गया। वीरेन्द्र ने मनीष कुमार साहू को भी एजेंट बनाया था। उसके जरिए उसने पांच लाख रुपए जमा कराए थे। पीडि़तों का आरोप है कि वीरेंद्र शर्मा का हर जगह रसूख है। इसके चलते वह कार्रवाई से नहीं डरता। लम्बे समय बाद एफआइआर दर्ज हो पाई।
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