सबसे ज्यादा खराब स्थिति गोसलपुर ओपन कैप खरीदी केंद्र की है। यहां बेला, घाटसिमरिया और कछपुरा खरीदी केंद्र बनाए गए थे। बेला खरीदी केद्र में एक किसानों से एक लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया था। अभी तक 80 हजार क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है और 20 हजार क्विंटल की खरीदी होना है। ओपन कैब में डेढ़ लाख बोरियों का स्टॉकलगाकर भंडारण किया गया है। घाटसिमरिया खरीदी केंद्र में 12 लाख क्विंटल खरीदी का लक्ष्य था। जिसकी एवज में 90 हजार क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। कुछ ऐसी ही स्थिति नुंजी, फनवानी, मझगवां और सैलवारा खरीदी केंद्र की है। यहां भी परिवहन का काम धीमी गति से चल रहा है। ऐसे में खरीदी केंद्रों में पैर रखने की जगह नहीं बची है। अपनी उपज बेचने के लिए अब किसानों को खरीदी में जगह नहीं मिल पा रही है।
भंडारण की भी आ रही समस्या
गोसलपुर ओपन कैप में जहां तक नजर जाती है सिर्फ धान की बोरियां ही नजर आ रही हंै। भंडारण नहीं होने से केंद्र में किसानों को अपनी धान रखने के लिए जगह तक नहीं मिल पा रही है। अव्यवस्था के कारण हजारों क्विंटल धान खुले में पड़ी है। दो दिन से आसमान में बादल छाने के कारण किसानों की चिंता फिर बढ़ गई है।