scriptपांच सदस्यीय दल पहुंचेगा घर, बच्चों की बीमारी की करेगा पहचान | Five-member team will reach home, diagnosis of children's disease | Patrika News
जबलपुर

पांच सदस्यीय दल पहुंचेगा घर, बच्चों की बीमारी की करेगा पहचान

दस्तक अभियान की बैठक, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने दिया प्रशिक्षण

जबलपुरJun 04, 2019 / 05:46 pm

tarunendra chauhan

Training

Training

जबलपुर. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत दस्तक अभियान की शुरुआत 10 जून से होगी। अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ इस बार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को भी जोड़ा गया है। अभियान का उद्देश्य पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में बाल्यकाल बीमारियों की सामुदायिक स्तर पर सक्रिय पहचान कर त्वरित प्रबंधन एवं बाल मृत्यु दर में वांछित कमी लाना है। अभियान में पांच सदस्य दल घर-घर दस्तक देकर बीमारियों की पहचान करेगा। अभियान में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसकी मॉनिटरिंग कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी करेंगे। यह बात ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर सिहोरा डॉक्टर दीपक गायकवाड ने मंगलवार को वाचनालय सिहोरा में दस्तक अभियान की विकासखंड स्तरीय बैठक सह प्रशिक्षण में शामिल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं से कही।

महिला एवं बाल विकास अधिकारी सिहोरा इंद्र कुमार साहू, खंड विस्तार प्रशिक्षक बीआर महोबिया, बीपीएम वीरेंद्र कुमार झारिया ने बताया कि 10 जून से 20 जुलाई तक करीब (40 दिन) तक चलने वाले अभियान में आशा कार्यकर्ता, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और ग्राम पंचायत के सचिव की टीम प्रत्येक ग्राम के घर घर में दस्तक देकर बीमार नवजात और बच्चों की पहचान प्रबंधन एवं रेफरल का काम करेगी। 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में निमोनिया की त्वरित पहचान एवं प्रबंधन, गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान एवं उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराना शामिल रहेगा।

ऐसे चलेगा विकासखंड में अभियान
बीपीएम बीआर महोबिया ने बताया कि सिहोरा विकासखंड में दस्तक अभियान के तहत 60 ग्राम पंचायतों में टीमें घर घर पहुंचेगी जहां कुपोषित, अति कुपोषित और गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान की जाएगी। 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में जन्मजात विकृतियां एवं वृद्धि विलम्ब की पहचान। 2 वर्ष की आयु वाले बच्चों की माताओं को समुचित शिशु एवं बाल आहार पूर्ति संबंधी समझाइश। एनएससी एवं एनआरसी सेंटर से छुट्टी के बाद बच्चों में बीमारी की स्क्रीनिंग तथा फॉलोअप के लिए प्रोत्साहन के अलावा आंशिक रूप से टीकाकरण एवं छोटे बच्चों को टीकाकरण की स्थिति की जानकारी लेना होगी। साथ ही बाल मृत्यु प्रकरणों के विगत 6 माह की जानकारी लेकर उसके कारण और निदान की समीक्षा करनी होगी।

 

कभी भी हो सकता है आकस्मिक निरीक्षण, नहीं बरतें लापरवाही
अधिकारियों ने सभी आंगनवाड़ी केंद्रों की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका और आशा कार्यकर्ताओं को साफ शब्दों में निर्देश दिया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चलने वाले इस अभियान में वह किसी भी तरीके की लापरवाही ना बरतें। इस अभियान की मॉनीटरिंग कलेक्टर जबलपुर के अलावा मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी कर रहे हैं। ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों में पहुंचने वाले बच्चों को दिया जाने वाला आहार, केंद्रों को समय पर खोलें। निरीक्षण के दौरान अगर कोई भी आंगनबाड़ी केंद्र बंद मिला या टीम गांव में पहुंचने के अलावा मौके पर नहीं मिली तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो