1973 से निरंतर चली आ रही परंपरा
राजशेखर समारोह के संयोजक राधिक प्रसाद मिश्र ने कहा कि वर्ष १९७३ से यह निरंतर चला आ रहा है। यह समारोह अब अत्यंत भव्य रूप से छह दिवसीय आयोजित किया जा रहा है। इसमें संस्कृत विभाग, विश्वविद्यालय एवं कालिदास अकादमी का योगदान होता है। इस बार का विषय बाल्मीकि और राजशेखर है। सभी बाल्मीकि क ऋणी हैं। राजशेखर ने स्वयं को बाल्मीकि का अवतार माना है।
समापन एवं पुरस्कार वितरण आज
राजशेखर समारोह का समापन एवं राजशेखर साहित्य पर आधारित भाषण प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता एवं श्लोक पाठ प्रतियोगिता में सहभागी छात्रों को पुरस्कार वितरण कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र की अध्यक्षता तथा कुलसचिव प्रो. कमलेश मिश्र की विशेष उपस्थिति में शनिवार को दोपहर 12:30 बजे शासकीय महाकौशल महाविद्यालय में किया जायेगा।