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Railway भीड़ बढऩे पर हिलता है एफओबी, दहशत में रहते हैं यात्री

locationजबलपुरPublished: Feb 14, 2020 11:11:35 am

Submitted by:

virendra rajak

मदन महल स्टेशन : भोपाल स्टेशन हादसे के बाद भी नहीं चेते जिम्मेदार, अब भी हो रहा वर्षों पुराने फुट ओवर ब्रिज का उपयोग

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जबलपुर. पिंक स्टेशन का दर्जा प्राप्त मदन महल रेलवे स्टेशन पर बना फुट ओवरब्रिज (एफओबी) वर्षों पुराना है। स्टेशन पर ट्रेन के आने पर जब सैकड़ों यात्री एक साथ ब्रिज से गुजरते हैं तो यह हिलने लगता है। इसके बावजूद रेल प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। इससे यहां भी भोपाल जैसी घटना हो सकती है। कुछ ऐसा ही हाल मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म क्रमांक छह के बांए ओर स्थित ओएफबी का भी है। यह भी यात्रियों की संख्या अधिक होने पर कांपता है।
मदन महल स्टेशन का एकमात्र फुट ओवरब्रिज प्लेटफॉर्म एक और तीन के बाहर उतरता था। यात्रियों के अलावा सामान्य लोग भी ब्रिज का उपयोग करते थे, इसलिए कुछ समय पहले इसे प्लेटफॉर्म-एक की ओर से बंद कर दिया गया था।
नहीं होता रखरखाव

जानकारों की मानें तो 12 फीट चौड़े फुट ओवर ब्रिज का सही तरीके से रखरखाव नहीं किया जाता। यही कारण है कि यह धीरे-धीरे जर्जर होता जा रहा है।

जिस समय ब्रिज का निर्माण हुआ था, उस समय स्टेशन पर चंद ट्रेनें रुकती थीं। ऐसे में कुछ ही यात्री इसका उपयोग करते थे, वर्तमान में यहां ट्रेनों के ठहराव के साथ यात्री संख्या में भी इजाफा हुआ है। मरम्म्मत नहीं होने से यह ब्रिज उपयोग के लायक नहीं बचा है।
मैंटेनेंस न होने के कारण परेशानी

रेलवे सूत्रों की माने तो, मुख्य रेलवे स्टेशन के एफओबी का मैंटेंनेंस समय पर नहीं किया जाता। यही कारण है कि यह धीरे-धीरे जर्जर होता जा रहा है। रोजाना हजारों यात्री इसका इस्तेमाल करते हैं, इसके बावजूद अफसर इसे नजरअंदाज कर रहे हैं।
बूढा हो गया शास्त्री ब्रिज

शहर के बीच में बना शास्त्री ब्रिज भी बूढ़ा हो गया है। कुछ समय पूर्व इसके टुकडे टूटकर गिरने लगे थे। इस पर बनी सडक़ आए दिन खराब हो जाती है। अंग्रेजों के समय बने इस ब्रिज से अब तो गुजरने में भी लोग दहशत खाते हैं। पर्याप्त चौड़ाई न होने के कारण आए दिन यहां हादसे होते हैं।

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