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बजट कुछ ऐसा … खुश भी नहीं, नाराज भी नहीं

locationजबलपुरPublished: Feb 02, 2020 07:02:10 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबलपुर जिले में खाद्य प्रसंस्करण और निर्यातक इकाइयों को प्रोत्साहन की उम्मीद बनी
 

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जबलपुर। केंद्र सरकार का बजट कैसा है, इसे लेकर अभी चर्चाएं चल रही हैं। लेकिन, जबलपुर के उद्योगपतियेां और व्यापारियों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। उनका कहना है कि इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तमंत्री की ओर से कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई। जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के जबलपुर के सदर स्थित कार्यालय में आयोजित बजट पर परिचर्चा में पदाधिकारी एवं सदस्यों ने अपनी राय रखी। कुछ सदस्यों ने बजट में किए गए प्रावधानों को जबलपुर के लिहाज से उचित बताया है। चेम्बर के चेयरमैन प्रेम दुबे ने बताया कि अर्थव्यवस्था की सुस्ती मिटाने एवं मंदी से उबरने उद्योग-व्यापार जगत को इस बजट से काफ ी अपेक्षाएं थी जो कि पूर्ण होती नहीं दिख रही हैं।

वरिष्ठ उपाध्यक्ष हिमांशु खरे ने बताया कि अधोसंरचना संबंधित सभी क्षेत्रों में पिछले वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक का बजटीय प्रावधान रखा गया है जिससे संबंधित औद्योगिक एवं व्यापारिक क्षेत्र लाभांवित होंगे। खरे का कहना था कि एक फ सल एक जिला योजना में क्लस्टर निर्माण के क्षेत्र में जबलपुर में खाद्य प्रसंस्करण एवं हॉर्टिकल्चर की योजना लाई जा सकती है। कर विशेषज्ञ अभिषेक ध्यानी ने कहा कि वित्तमंत्री ने करों के सरलीकरण के बजाए इसमें और भ्रम पैदा कर दिया है। सीए अनिल अग्रवाल ने कहा कि ऑडिट की लिमिट 1 से 5 करोड़ बढ़ाना उनके लिए है जिनकी बिक्री 5 प्रतिशत से अधिक कैश में नहीं होती है। छोटे व्यवसायी को इसका कोई फयदा नहीं मिलेगा।

अमरप्रीत छाबड़ा का कहना था कि देश में बनने वाले 5 आईकॉनिक पर्यटन क्षेत्रों में भेड़ाघाट को इस महत्वकांक्षी योजना में सम्मिलित किया जाता तो बेहतर होता। कोषाध्यक्ष पंकज माहेश्वरी ने बताया कि देश के हर जिले में निर्यात हब बनाने से जबलपुर को लाभ मिल सकता है। राधेश्याम अग्रवाल ने बताया कि बजट में बढ़ती हुई महंगाई पर अंकुश लगाने कोई भी प्रावधान नही किए गए। परिचर्चा में मदन मोहन नेमा, मुहम्मद शफ ी, अभिषेक ध्यानी, शिशिर नेमा, शशिकांत पांडेय शामिल थे। वहीं, आम लोगों का कहना है कि इस बार का बजट भी मिलाजुला ही है। कहीं राहत है। कहीं राहत दी जा सकती थी, लेकिन दी नहीं गई।

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