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यहाँ फोनी का असर भी आया, तो तबाही के साथ मच जाएगा हाहाकार, छा जाएगा अंधकार

locationजबलपुरPublished: May 04, 2019 07:44:52 pm

Submitted by:

virendra rajak

फोनी को लेकर पूरे देश में अलर्ट
 

फोनी को लेकर पूरे देश में अलर्ट

फोनी को लेकर पूरे देश में अलर्ट

जबलपुर, फोनी को लेकर पूरे देश में अलर्ट है। अंधड़ और तेज बारिश का अंदेशे के चलते सभी अलर्ट मोड पर है। लेकिन शहर के हालात इससे अलग हैं। न तो बिजली महकमे ने किसी आपात स्थिति से निपटाने कोई तैयारी की है, न ही जिला प्रशासन और नगर निगम ने इस ओर ध्यान दिया है। यदि एेसे में कोई आपदा आती है, तो पूरे और शहरवासियों को परेशानियों झेलनी पड़ सकती है। एमपीईबीगर्मी शुरू हुई एक महीना बीत गया, लेकिन अब भी बिजली महकमे का रवैया सुस्त है। शहर में पांच सौ से ज्यादा एेसे स्थान हैं, जहां बिजली लाइनों पर पेड़ों की डालियां लटक रही हैं। तो तेज हवा या आंधी में तार को तोड़कर विद्युत आपूर्ति बाधित कर सकती हैं। वहीं शहर में जहां-तहां लगे होर्डिंग्स बिजली लाइनों समेत आमजन के लिए खतरा हैं, ये जहां बिजली लाइनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, वहीं इनसे जनहानि भी हो सकती है। पिछले दिनों मेंटेनेंस के नाम पर काम किया गया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
ये है स्थिति
05 सम्भाग हैं शहर में
03 सम्भाग हैं देहात में
4900 कुल ट्रांसफार्मर शहर में
273541 घरेलू उपभोक्ता शहर में
253 तकनीकी स्टाफ
250 का स्टाफ कॉन्टै्रक्ट पर लिया गया
14 उपभोक्ता सेवा केंद्र
250 से अधिक शिकायतें आती हैं प्रतिदिन
दृश्य:- 01
यह हैं हालात:- हाईकोर्ट चौराहे से लेकर एल्गिन अस्पताल तक दांयी तरफ विद्युत लाइन है। यह विद्युत लाइन पूरी तरह से पेड़ों और उनकी डालियों के बीच से होकर गुजरी है। थोड़ी सी तेज हवा में यह डालियां तारों पर लटकने लगती हैं और उनके टूटने का खतरा रहता है।
दृश्य:- 02
यह है हालात:- नौदरा ब्रिज और रसल चौक में दर्जनों होर्डिंग्स लगे हैं। जो खतरनाक हैं। पूर्व में शहर में चली तेज हवाओं के कारण ये होर्डिंग्स फट गए। कई स्थानों पर फ्लैक्स तारों में जा फंसे। जिस कारण आपूर्ति बाधित हुई।
अपर्याप्त है अमला
नगर निगम का फायर बिग्रेड कर्मचारियों के आभाव से जूझ रहा है। शहर के अनुपात में न तो यहां पर्याप्त वाहन हैं और न ही आपात परिस्थितियों से निपटने के संसाधन। सामान्य से अधिक बारिश में शहर के नाले नालियां उफान मारते हैं, तो निगम के हाथ पैर फूल जाते हैं, एेसे में यदि तेज आंधी और तूफान के साथ कोई आपदा आई, तो उससे निपट पाना मुश्किल होगा। खानापूर्ति के लिए यहां अतिक्रमण दस्ते को तैयार रहने को कहा गया है।
कुल दमकल वाहन:- 10
कुल कर्मचारी:- 90
कुल टेंकर:- 05
क्विक रिस्पांस वीकल:- 01
अंधेरे में काम करने संसाधन:- अपर्याप्त
परिवहन में देरी, किसान बदलते मौसम परेशान
जिले में गेहंू की खरीदी तो तेज हो गई है लेकिन उसका परिवहन बेहद धीमा है। एेसे में खरीदी केन्द्रों पर गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा है। अब तक करीब १२ लाख क्विंटल गेहूं खरीदा जा चुका है लेकिन उसमें लगभग ३ लाख क्विंटल गेहूं की गोदामों में जा सका है। लगभग सभी खरीदी केन्द्रों में एेसी स्थिति है। इस कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है। वहीं आपात स्थितियों से निपटने के लिए जिला प्रशासन के पास इतने इंतजाम नहीं हैं जिससे गेहूं को तुरंत सुरक्षित किया जा सके।
– गेहूं उपार्जन के लिए ५० हजार से ज्यादा किसान पंजीकृत।
– पूरे जिले से साढे़ तीन लाख मैट्रिक टन से ज्यादा खरीदी का लक्ष्य।
– अब तक १२ लाख ८० हजार क्विंटल गेहूं की हो चुकी खरीदी।
– करीब तीन लाख क्विंटल गेहूं ही गोदामों में भेजा गया।
– बांकी खरीदी केन्द्रों में खुला एवं बारदानों में पैक है।
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