सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को मिलता है नंबर
वीरेन्द्र रजक @ जबलपुर शहर में वीआईपी रजिस्ट्रेशन नंबरों की काफी डिमांड है। आलम यह है कि वाहन मालिक अपना पसंदीदा नंबर लेने के लिए लाखों रुपए तक खर्च करने से पीछे नहीं हटते। बात दोपहिया की हो या फिर चार पहिया वाहन की। सभी के मालिक वीआईपी नंबर अपने वाहनों के लिए ले रहे हैं। लॉक डाउन के बाद एक बार फिर वीआईपी नंबरों की डिमांड बढ़ गई है।
गाड़ी का नंबर-गाड़ी मालिक-तय फीस-बोलीएमपी 20 सीके 0001-अमित त्रिवेदी-100000-105000
एमपी 20 सीके 0786-रीना राज सोनकर- 50000-50074
एमपी 20 सीके 0008-रामेन्द्र कुमार- 50000-50074
एमपी 20 सीके 0007-मोहित राठौर-50000-50074
एमपी 20 सीके 0006- नमन मक्कड़-50000-50074
एमपी 20 सीके 9999- जबलपुर मार्बल्स-25000-70000
ऑनलाइन लगानी पड़ती है बोलीकिसी भी वाहन मालिक को यदि वीआईपी नंबर चाहिए है, तो उसे ऑनलाइन बोली लगानी पड़ती है। एमपी ऑनलाइन के जरिए यह बेट लगाई जाती है। जिस किसी भी वाहन मालिक की बेट अधिक होती है, ऑटोमैटिक सिस्टम उसे यह नंबर आवंटित कर देता है। पहली बेट महीने की एक से सात तारीख और दूसरी 15 से 21 तारीख तक होती है। जिसके बाद आठ और 22 तारीख को रजिस्ट्रेशन नंबर ऑटोमैटिक आवंटित कर दिए जाते हैं।
कितनी फीस के कितने नंबरफीस- बोली लगी- रजिस्ट्रेशन आवंटितएक लाख- 01
50 हजार- 04
70 हजार-01
25 हजार- 16
15 हजार- 42
07 हजार-27
05 हजार-38
(सभी आंकड़ें एक जनवरी से)
दो गुने से अधिक में बिकाएमपी 20 सीके 9999 की बेट राशि 25 हजार रुपए थी। जानकारी के अनुसार एक से अधिक लोगों ने इस नंबर के लिए बेट लगाई। लेकिन बाद में यह इस नंबर के लिए 70 हजार रुपए की ऑनलाइन बेट लगी। जिसके बाद यह नंबर आवंटित किया गया। यह नंबर दोगुना से अधिक राशि में आवंटित की गई।
जितनी गाड़ी एक ही नंबरशहर में कई ऐसे लोग हैं, जिनके यहां जितनी भी कारें और मोटर साइकिलें या अन्य वाहन हैं, सभी का रजिस्ट्रेशन नंबर एक ही है। लोग शौक के चलते इस प्रकार के नंबर आवंटित करवाते हैं।
वर्जनवीआईपी नंबर आवंटित करने की प्रक्रिया ऑनलाइन है। जो भी नंबर पर ज्यादा बोली लगातार है, नंबर ऑटोमैटिक उसे आवंटित हो जाता है। लॉक डाउन ओपन होने के बाद फिर से वीआईपी नंबरों की डिमांड बढ़ गई है।
संतोष पॉल, आरटीओ